अब जल्द ही गन्ना किसान भाइयों के खातों में 314 करोड़ रुपए आएंगे, जानें पूरी ख़बर

अब जल्द ही गन्ना किसान भाइयों के खातों में 314 करोड़ रुपए आएंगे, जानें पूरी ख़बर

केंद्र सरकार का लक्ष्य था 2022 में किसान भाइयों की आय दुगुनी की जाएं। लेकिन शायद यह मुमकिन नहीं हो पाया। अभी कुछ राज्य इसके प्रयास में लगे हुए हैं और इसी पहल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने किसान भाइयों की आय दुगुनी करने के लिए काफी फसलों पर सहूलियत भी दे रही हैं। अभी राज्यों में खरीफ फसलों की खेती का कार्य चल रहा हैं और किसान भाइयों को खरीफ सीजन में कार्य करने के लिए पैसे की ज़रुरत पड़ती है। साथ ही अब हरियाणा सरकार के द्वारा एक कदम गन्ना किसान भाइयों के लिए उठाया गया हैं। तो‌ आइए जानते हैं कि गन्ना किसान भाइयों को गन्ने का भुगतान कब किया जाएगा?

हरियाणा में गन्ना किसान भाइयों बकाया भुगतान कब किया जाएगा?

हरियाणा मे किसान भाइयों का चीनी मिलों पर करीब 318 करोड़ रुपए का बकाया हैं। इस को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने बकाया धनराशि को जल्द से जल्द किसान भाइयों को भुगतान करने का आदेश दिया है। 5 जुलाई 2022 तक भुगतान किया जा सकता हैं और इसके चलते जो भी निजी चीनी मिलें हैं वह भी बकाया राशि जल्द से जल्द प्रदान करेंगे। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को चंडीगढ़ में चीनी मिलों से बकाया धनराशि संबंधित एक बैठक की थी। जिसमें उन्होंने निर्देश दिया हैं कि किसान भाइयों की बकाया राशि जल्द से जल्द किसान भाइयों के खाते में पहुंच जानी चाहिए।

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निजी चीनी मिलों को 57 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी

हरियाणा में लगभग 4 बड़ी निजी चीनी मिले हैं जिनको 57 करोड़ रुपये सब्सिडी सरकार के द्वारा दी जायेगी। जिसमें सरस्वती चीनी मिल, यमुनानगर को 29.28 करोड़ रुपए, पिकाडली एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, भादसों को 12.84 करोड रुपए, नारायण चीनी मिल को 8.60 करोड़ रुपए और असंध मिल को 6.39 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। सरकार ने यह भी कहा कि हरियाणा राज्य में 11 सहकारी चीनी मिल भी हैं जहां पर गन्ने का भाव सबसे ज्यादा 362 रुपये प्रति क्विंटल दिया जा रहा हैं। राज्य सरकार इन मिलों का घाटा भी कम करने का प्रयास करेंगी। यहां की इन चीनी मिलों में से चीनी के अलावा इथेनॉल भी निकाला जा रहा हैं। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सकें।

किसान भाइयों को बकाया धनराशि भी दी जाएगी

नारायण चीनी मिल लिमिटेड में 2021-22 सीजन में किसान भाइयों को 172.69 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। शेष धनराशि जो 59.15 करोड़ रुपए हैं वह भी जल्द से जल्द किया जाएगा। बैठक के बाद यह बताया गया हैं कि 2021-22 सीजन के लिए मई 2022 में सहकारी चीनी मिलों को कुल 78.92 करोड़ रुपए की सब्सिडी भी दी गई थी और किसान भाइयों को आश्वासन भी दिया गया हैं कि जल्द से जल्द उनका बकाया धन राशि चीनी मिलों द्वारा उनके खाते में दे दी जाएगी। बैठक में मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद कृषि विभाग के महानिदेशक हरदीप सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुख्य सचिव डॉ सुनीता मिश्रा एवं हरको बैंक के प्रबंधक राहुल उप्पल सहित कई बड़े अधिकारी शामिल थे।

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सहकारी और निजी चीनी मिलों में कितना सुधार हुआ?

हरियाणा में सहकारी और निजी चीनी मिलों के द्वारा सीजन 2020-21 में रिकवरी की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं। राज्य मुख्य सचिव का कहना हैं कुल 611.44 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हुई थी। जबकि चीनी रिकवरी लगभग 10.45 प्रतिशत रही। उन्होंने यह भी बताया कि चीनी मिलो का सीजन 2019-2020 में 9.95 प्रतिशत चीनी की रिकवरी के साथ 353.48 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई की गई थी। जबकि निजी चीनी मिलों में 257.96 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी और चीनी की रिकवरी लगभग 11.13 प्रतिशत रही। रोहतक में रिफाइंड शुगर का उत्पादन किया जा रहा हैं। इसके अलावा कुछ मिलो मे सरकार गुड़ भी बनवा रही हैं।हैं हरियाणा राज्य में गन्ने की पेराई सीजन 2020-21 में 41.97 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ और लगभग 630.1 क्विंटल गुड़ का उत्पादन किया गया था।

यहा किसान भाइयों को 1.51 लाख करोड़ रुपए का भुगतान

उत्तर प्रदेश (UP) की योगी सरकार के द्वारा पिछले महीने में गन्ने के भुगतान को लेकर सारे रिकॉर्ड तोड़े गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किसान भाइयों के कल्याण के लिए 45 लाख से अधिक गन्ना किसान भाइयों को 1.51 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। जो कि पिछले 50 वर्षों के इतिहास में देखा जाए तो सबसे बड़ा भुगतान था। यूपी सरकार द्वारा इतनी बड़ी धनराशि से उत्तर प्रदेश में करीब 45 लाख से अधिक किसान भाइयों को फायदा मिला हैं।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को कितना भुगतान किया?

यूपी सरकार का कहना हैं कि पिछली कई सरकारों ने जितना भुगतान किया हैं। उससे कई गुना ज्यादा हमारी सरकार ने भुगतान किया हैं। पिछली सरकारों की अगर तुलना की जाए तो योगी सरकार ने राज्य के किसान भाइयों को गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करने की भी प्राथमिकता दी थी। उत्तर प्रदेश में 45.74 लाख से अधिक गन्ना किसान भाइयों को वर्ष 2017-2018 के बीच 1,51,508 करोड रुपए से अधिक का भुगतान करके रिकॉर्ड बनाया गया हैं। उन्होंने गन्ना किसान भाइयों के लाभकारी मूल्य के लिए हाल ही में 350 रुपये तक भी बढ़ाया है।

तो आज हमनें बात की गन्ना किसान भाइयों को बकाया धनराशी उनके खातों में कब भेजी जाएगी। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और आप सभी किसान भाइयों को ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।

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