नमस्कार किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे जून में लगाई जाने वाली फसलें (Crops to be planted in June) जिसमें हम बात करेंगे अदरक, चौलाई और धान की। जिससे आप अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हों।
अदरक (Ginger)
अदरक की खेती से भी आप मुनाफा कमा सकते हो। यदि आप अदरक की खेती करना चाहते हो तो आपको गर्म तथा आद्रता वाली जलवायु की जरूरत पड़ेगी। अदरक की खेती में करीबन 1500-1800 मिली मीटर वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। खेत में सही तरीके से जल निकासी की व्यवस्था बनाए रखें। अदरक की खेती रेतीली, लाल व चिकनी के साथ साथ लगभग हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है। जमीन का पी एच मान करीबन 6-6.5 होना चाहिए। (Crops to be planted in June)
बुवाई कब करनी चाहिए
सबसे पहले आप अनुशंसित मात्रा में आप गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें अपने खेत में। उसके बाद आप 2-3 बार खेत की जुताई कर ले। आड़ी तिरछे तरीके से जुताई करें वो भी देसी हल से। जुताई करके खेत को समतल बना ले। उसके बाद खेत में छोटी-छोटी के क्यारियां बना लीजिए। फिर इथेन एम व बाबिस्टोन के घोल में 1 घंटे तक बीज को डुबोकर रख दे। उसके बाद छाया में सुखा ले। फिर 4 सेंटीमीटर तक के गहरे गड्ढे खोद ले और उन गड्ढों में बीज बो दीजिए। उसके बाद गोबर की खाद डालकर घास की सहायता से गड्ढों को ढक दें। (Crops to be planted in June)
सिंचाई करने का सटीक वक्त
बुआई के बाद आपको इसकी पहली सिंचाई करनी चाहिए। खेती में नमी बनी रहनी चाहिए ध्यान दें नमी की कमी खेत में ना हो। वर्षा ऋतु में आप आवश्यकतानुसार इसकी सिंचाई कर सकते हो। खेत में पानी ना भरने दे नहीं तो फसल प्रभावित हो सकती है।
कटाई कब शुरु करें
जब आपको लगे कि पत्ते पूरी तरह सूखना शुरू हो गए है व पीले हो चुके है तो आप फसल की कटाई शुरु कर सकते हो। अदरक की फसल 7-8 माह में तैयार हो जाती है। (Crops to be planted in June)
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चौलाई (Chaulai)
चौलाई की खेती करना चाहते हो तो ध्यान दें इसकी खेती गर्म तथा वर्षा ऋतु जलवायु में की जाती है। इस तरह की जलवायु के कारण चौलाई की खेती में उत्पादन अच्छा देखने को मिलता है। चौलाई में भी कई किस्म आती है आप अपने क्षेत्र के अनुसार किस्म का चैन कर सकते हो।
बुवाई किस तरह करें
आप चौलाई की खेती किसी भी मिट्टी में कर सकते हो लेकिन चौलाई की खेती के लिए सर्वोत्तम रेतीली दोमट मिट्टी मानी जाती है। जमीन का पी. एच. मान करीबन 6.0-7.0 तक होना चाहिए। खेत की पहली जुताई आप मिट्टी पलटना वाले हल से करें। फिर उसके बाद आप दो जुताई कल्टीवेटर से जरुर करें। उसके बाद पाटा लगाए। फिर मेडे करने के बाद छोटी-छोटी क्यारियां बना ले। ध्यान रहे नालियां बनाना ना भूलें ताकि सिंचाई करने में आसानी हो।
उर्वरक व खाद की मात्रा
खेत में डालने के लिए करीबन 10-15 टन गोबर की खाद चाहिए। उसके बाद आपको 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम को पोटाश तथा 50 किलोग्राम फास्फोरस की आवश्यकता पड़ेगी। यदि आप चौलाई की खेती करके अच्छी मात्रा में उपज चाहते हो तो आपको उर्वरक व खाद्य डालनी चाहिए। (Crops to be planted in June)
सिंचाई करने का समय
गर्म जलवायु के वक्त आपको 5-6 दिन के अंतर पर सिंचाई करनी चाहिए। वही बात करे वर्षा ऋतु की तो वर्षा ऋतु में ज्यादा दिन तक बारिश ना होने पर सिंचाई करें। बारिश ना होने पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे। ध्यान दे कि खेत में नमी की कमी ना हो। खरपतवार से बचने के लिए ने निराई गुड़ाई करते रहे।
कटाई कब करनी चाहिए
कटाई की बात करें तो करीबन 30-40 दिन के बाद ही पौधों की कटाई शुरु हो जाती है। वही बात करें दानों की तो करीबन बीज रोपाई से 100-110 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है। (Crops to be planted in June)
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धान (Grain)
धान की खेती भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में काफी मात्रा में की जाती है। धान की खेती के लिए करीबन 100 सेंटीमीटर वर्षा की जरुरत होती है। धान की खेती करने से पहले एक बात का ध्यान जरूर रखें कि आप जलवायु तथा जमीन को देखकर ही इसकी किस्मों का सही चयन करें। उत्पादकता जमीन और जलवायु दोनों पर निर्भर करती है।
बुवाई करने का वक्त
करीबन 40-50 किलोग्राम प्रति हेक्टर बीच की जरूरत होती है सीधी बुआई के लिए। वही बात करें धान रोपाई की तो करीबन 30-35 किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ती है। ग्रीष्म काल में करीबन 2-3 बार खेत की जुताई करनी चाहिए। मेडबंदी भी मजबूत करें। बुआई से करीबन 1 सप्ताह पहले ही सिंचाई कर दे। इस समय सीधी बुआई की विधि को भारत में काफी अपनाया जा रहा है। जून महीने में बुवाई शुरू कर देनी चाहिए।
उर्वरक व खाद कब डाले
धान की खेती में अच्छी पैदावार के लिए उर्वरक का सही मात्रा प्रयोग करना जरुरी है। आप यूरिया का प्रयोग करें लेकिन कम मात्रा में। आप 100-120 किलोग्राम नत्रजन, 60 किलोग्राम फॉस्फोरस, 40 किलोग्राम पोटाश, 25 किलोग्राम जिंक प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। (Crops to be planted in June)
सिंचाई करने का तरीका
धान की खेती में ज्यादा जल की जरूरत होती है। दाना भरते समय, वाली निकलते एवं फूल निकलते समय पानी रहना काफी जरुरी है। आप आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे। धान की किस्में 90-130 दिनों में तैयार हो जाती है। उसके बाद आप इसका भंडारण कर सकते हो।
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इस पोस्ट (लेख) में हमने देखा की आप जून महीने में इन फसलों को उगाकर (Crops to be planted in June) अच्छे से अच्छा लाभ ले सकते हो और भी महतवपूर्ण पोस्ट (लेख) पढ़ने लिए आप किसान न्यूज़ (Kisan News) Category पर क्लिक करके बाकी पोस्ट भी पढ़ सकते हो। आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो पोस्ट को शेयर जरूर करें और आप कमेंट करके हमे जरूर बताएं आपको ये पोस्ट कैसी लगी अपने विचार हमारे साथ जरूर साझा करें।