DAP खाद 150 रुपए महंगी हुई और 05 किलो खाद कट्टे में कम की गई

DAP खाद 150 रुपए महंगी हुई और 05 किलो खाद कट्टे में कम की गई

खरीफ फसल की बुवाई शुरू होते ही किसान भाइयों को खाद की जरूरत पड़ती है लेकिन इस समय खाद को लेकर समस्या चल ही रही थी। कि अब खाद की कीमतों में भी बढ़ोतरी कर दी गई हैं। जिससे किसान भाइयों को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं और अब यूरिया के कट्टे की खाद पहले से कम मात्रा में मिलेगी। तो आइए देख लेते हैं यूरिया के कट्टे में कितनी खाद कम की गई और DAP खाद कितनी महंगी हुई।

अब DAP खाद‌ का दाम कितना बढ़ा?

इस वर्ष खरीफ फसल की लागत रबी फसल से ज़्यादा होने वाली है क्योंकि DAP खाद की कीमत जिस प्रकार से बढ़ी हैं। उसके हिसाब से इस बार खरीफ फसल की लागत भी बढ़ेगी। DAP खाद की कीमत में 150 रुपये प्रति कट्टा (50 किलोग्राम का बैग) की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन अगर यूरिया की बात की जाएं। तो यूरिया की कीमत तो नहीं बढ़ी लेकिन प्रति बैग पर 5 किलो खाद की कमी कर दी गई। प्रति बैग के हिसाब से मतलब अब 50 किलोग्राम की जगह अब 45 किलोग्राम ही यूरिया खाद मिलेगी। जिससे किसान भाइयों की खेती करने की लागत भी बढ़ जाएगी।

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जानें अभी यूरिया खाद का दाम क्या हैं

किसान भाई खेती करने के लिए अधिकतर DAP खाद का इस्तेमाल करते हैं। रबी की फसल के समय 50 किलोग्राम के यूरिया बैग की कीमत 1200 रुपए थी जबकि अब इस समय यूरिया खाद का दाम 1350 रुपए हो गए हैं। यूरिया का दाम तो नही बढ़ा इस समय लेकिन प्रति बैग में 5 किलो यूरिया खाद कम कर दी गई हैं। हालांकि यह जानकारी है कि यूरिया बैग में वजन की मात्रा कई साल पहले कम हुई थी लेकिन किसान भाइयों पर महंगाई का बोझ बढ़ा हैं। इसलिए केंद्र सरकार किसान भाइयों के हित के लिए सब्सिडी जैसे कई कदम भी उठा रही हैं। इस तरह महंगाई को बढ़त देख किसान भाई भी परेशान हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि बिजली भी पर्याप्त नहीं मिल रही हैं और महंगें डीजल से सिंचाई करने से लाभ नहीं हो रहा है।

DAP खाद की कमी को सरकार ऐसे पूरा करेगी

DAP खाद की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों को संपर्क करने को कहा है और उनसे सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करने को बढ़ावा देने के लिए कहा गया हैं। लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सुपर फास्फेट की आपूर्ति पर ज्यादा जोर दिया गया हैं और फास्फोरस एसिड व अमोनिया की कीमतें भी बढी है।

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देश में DAP खाद की कमी क्यों हुई?

बताया जा रहा हैं कि बेलारूस पर वेस्टर्न इकोनॉमिक प्रतिबंध के कारण विश्व बाजार में उर्वरक की कमी हो रही है। चीन पिछले 2 वर्षों से भारत के लिए यूरिया और डीएपी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता अब तक रहा हैं। कोरोना काल के समय उर्वरक उत्पादन, ट्रांसपोर्ट जैसे कारणोंं से आपूर्ति प्रभावित हुई। चीन जैसे बड़े निर्यातक देश ने अपने निर्यात में कमी कर दी हैं। जिसके चलते DAP खाद की कमी देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा सुपर फास्टेस्ट को विकल्प के रूप में सामने लाया गया हैं।

तो आज हमनें विस्तार से DAP खाद के दामों में हुई भारी बढ़ोतरी और यूरिया खाद के कट्टे में खाद की मात्रा में हुई कमी के बारे मेंं बात की। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और आप सभी किसान भाइयों को ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।

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