अब प्याज उत्पादन बढ़ेगा | पंजाब में नीदरलैंड के सहयोग से प्याज पर एक्सीलेंस सेंटर बनेगा

अब प्याज उत्पादन बढ़ेगा | पंजाब में नीदरलैंड के सहयोग से प्याज पर एक्सीलेंस सेंटर बनेगा

भारत मेंं अगर प्याज की बात की जाती है तो महाराष्ट्र राज्य सबसे पहले आता हैं। लेकिन अब पंजाब के किसान भी धान और गेहूं के साथ-साथ प्याज की खेती में भी नाम करेंगें। क्योंकि राज्य सरकार ने नीदरलैंड के सहयोग से प्याज को लेकर एक सेंटर आफ एक्सीलेंस सेंटर (Center of Excellence) बना रही हैं। जिसमें राज्य के किसानों को उन्नत तकनीक की सहायता से बेहतर उत्पादन मिल सकेगा।

पंजाब सरकार की यह योजना अगर सफल रहती है तो देश के लोगों को प्याज के लिए रोना नहीं पड़ेगा और भारत में तो लगभग हर मौसम में प्याज की कीमतों में भारी इजाफा रहता हैं। इस स्थिति का समाधान निकालने के लिए पंजाब सरकार नीदरलैंड के सहयोग से प्याज पर एक एक्सीलेंस सेंटर बना रही हैं। बताया जा रहा है कि इस सेंटर के बन जाने से प्याज की खेती में भी पंजाब के किसान भाई अपना झंडा लहराएंगे। इसके पहले पंजाब गेहूं और धान की खेती के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं।

प्याज एक्सीलेंस सेंटर कहां बनेगा?

पंजाब के संगरूर ज़िले के खीरी गांव में प्याज के लिए एक्सीलेंस सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया हैं। इससे किसानों को पारंपरिक फसलों का विकल्प मिलेगा और ऐसा भी माना जा रहा है कि प्याज की उन्नत किस्में आने के बाद यहां प्याज की पैदावार में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। जिससे किसान भाइयों को लाभ अधिक होगा और किसान खेती की पारंपरिक फसल उगाने की वजह प्याज की खेती को प्राथमिकता देगें।

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ये सेंटर नीदरलैंड के सहयोग से बनेगा

पंजाब के बागवानी मंत्री फौजा सिंह सरारी ने शुक्रवार को बताया कि नीदरलैंड के सहयोग से पंजाब में प्याज पर एक्सीलेंस सेंटर बनाया जाएगा और इस सेंटर को नीदरलैंड के सहयोग से राज्य में तीसरा एक्सीलेंस सेंटर बनाया जाएगा। इसके पहले जालंधर के धोगरी में बनाया जा चुका हैं। जहां पर आलू के बीज पर काम होता है और वहीं दूसरा लुधियाना के दोहरा में बन रहा है। यहां पर बीज प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी पर कार्य किया जाएगा। पंजाब में ही सब्जियों की खेती के लिए करतारपुर में इंडो इजरायल सेंटर आफ एक्सीलेंस भी हैं। जबकि होशियारपुर के खनौरा में साइट्रस फ्रूट के लिए Indo-Israel Centre of Excellence बनाया जा चुका है।

प्याज की खेती को बढ़ावा मिलेगा

बागवानी मंत्री फौजा सिंह का कहना हैं कि केंद्र सरकार का उद्देश्य हैं कि पंजाब के किसानों को प्याज की खेती से जुड़ी नई वैज्ञानिक तकनीक उपलब्ध कराना और साथ ही साथ पंजाब के किसान केवल धान और गेहूं की खेती पर निर्भर ना रहें। अभी जो खेती की पद्धति अपनाई जा रही हैं। उससे राज्य में जल स्तर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। फौजा सिंह का कहना हैं कि किसानों के लिए प्याज की खेती लाभदायक होगी और प्राकृतिक संसाधनों को मदद भी मिलेगी। जिससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी।

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प्याज में अच्छे उत्पादन से बढ़ेगी आय

मंत्री जी का कहना है कि अभी राज्य में केवल 22 टन प्रति हेक्टेयर प्याज का उत्पादन होता हैं और जब प्याज पर जो एक्सीलेंस सेंटर बन रहा हैं। इसके बनने के बाद उसकी प्राथमिकता होगी कि राज्य में कम से कम 40 टन प्रति हेक्टेयर प्याज का उत्पादन करना और यह सेंटर किसानों को केवल प्याज उत्पादन ही नहीं बल्कि प्याज उत्पादन करने के बाद उसे कैसे सही तरीके से भंडारण करना है उसमें यह भी सिखाया जाएगा। अभी प्याज मेंं पोस्ट हार्वेस्टर लांस लगभग 30% तक है। इसको कम करने के बाद किसानों की आमदनी अपने आप बढ़ जाएगी।

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