किसान भाइयों को खाद बोलकर मिट्टी बेच रहें हैं, बस मिनटों में ऐसे पहचानें नकली खाद को

किसान भाइयों को खाद बोलकर मिट्टी बेच रहें हैं, बस मिनटों में ऐसे पहचानें नकली खाद को

सुपर खाद के नाम पर गारा मिट्टी या बोले नकली खाद बेचने का धंधा आजकल जोरों पर चल रहा हैं। दुकानदार और कंपनी वाले खुद के फ़ायदे के लिए किसान भाइयों के साथ बहुत ही बड़ा विश्वास घात कर रहे हैं।कंपनियां अपनी अपनी ब्रांड में रंग बिरंगी थैलियों में खाद के नाम पर मिट्टी भर कर दे रही हैं। सभी किसान भाई नकली खाद लेने से बचें। इसलिए लाइसेंस जारी दुकानों से ही खाद खरीदें। किसान भाइयों के लिए यह बहुत जरूरी सूचना हैं, वह हमेशा खाद का उपयोग करते हैं। लेकिन उन्हें खाद के बारे में सही और सटीक जानकारी ना होने के कारण उनके साथ धोखा हो जाता हैं। अब हमारे किसान भाइयों को खाद की जगह मिट्टी बेची जा रहा हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर क्या हैं? पिछले वर्ष कई फैक्ट्रियां पकड़ी गई थी नकली खाद।

अब बारिश का मौसम शुरू होते ही खरीफ फसल की बुवाई में किसान भाई लग गए हैं और किसान भाई खाद बीज की व्यवस्था में जुटे हुए हैं। इसी बीच राजस्थान में नकली खाद बेचने वाले में भी सक्रिय हो गए हैं। वह खाद में मिट्टी मिलाकर बेच रहे हैं। पिछले वर्ष झालावाड़ ज़िले में पुलिस ने भवानीमंडी क्षेत्र में कई नकली खाद की फैक्ट्री पकड़ी थी। अब इस रविवार को चौमहला में नकली खाद बेचने वाला पकड़ा गया।

कृषि विभाग की ओर से नकली खाद बेचने वालोें की जांच की गई और गंगाधर पुलिस की मौजूदगी में कई नकली खाद के कई गोदामों को भी बंद करवया गया। वहीं बिलवारी रोड पर स्थित कई मकानों में नकली खाद का कारोबार चलाया जा रहा हैं।

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आख़िर ये लोग नकली खाद कैसे बना रहे थे?

कृषि अधिकारियों ने बताया कि हमें कुछ दिन पहले ही किसान भाईयों ने जानकारी दी थी कि यहां पर कुछ लोग डीएपी (DAP) खाद के नाम पर उसमें मिट्टी मिलाकर बेच रहे हैं। इसके बाद कृषि विभाग की ओर से फील्ड कर्मचारियों को उस क्षेत्र में निगरानी के लिए भेजा गया और शनिवार को चौमाला क्षेत्र में अधिकारियों ने जांच की और उसके बाद में बिलवारी रोड पर स्थित अनिल भंडारी के मकान मे आधा शटर खोलकर कुछ लोगों को खाद बेचने पर शक हुआ और फिर कर्मचारियो ने गोदाम की तलाशी ली और वहां से नकली खाद पकड़ी।

गोदाम में पकड़े गए लोगों ने बताया कि उनका यह पूरा गैंग मध्यप्रदेश का पूरा एक गिरोह हैं। पूछताछ करने पर पता चला कि यह लोग बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से खाद को बेच रहें हैं और खरीद रहें हैं। गोदाम में इनके पास पाया गया भू-पावर जैविक खाद करीब 265 बोरी, गोल्ड पावर जैविक खाद 500 बोरी, बायो पोटाश लिक्विड के 6 पैकेट, पृथ्वीनाथ ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के 8 बैग, नीम ऑयल के 13 बॉक्स, पावर मिल के 13 बॉक्स मिलें। इन‌ सभी चीजों को जांच उर्वरक प्रशिक्षण प्रयोगशाला के लिए भेज दिया गया हैं और गोदाम को पूरी तरह से बंद कर दिया गया हैं। यह कार्यवही थाना गंगधार पुलिस की उपस्थिति मे की गई। तो आइए अब जानते हैं कि हम खुद बस कुछ मिनटों में ही असली और नक़ली खाद की पहचान कैसे करें?

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नकली खाद को बस एक मिनट में ऐसे पहचानें

हमारे किसान भाई जब भी खाद लेने जाएं। तो अपने साथ 01 रुपए वाली चुने की डिब्बी साथ में लेकर जाएं। उसके बाद खाद को बोरे में से निकाल कर उस खाद को चुने के साथ रगड़ कर देखें। अगर असली खाद होगा तो जल्दी गर्म हो जाएगा। अगर खाद में कम तत्व होंगे तो वो खाद जल्दी गर्म नहीं होगी और अगर वो खाद पूरा ही नकली हैं। तो वो खाद बिल्कुल भी गर्म नहीं होगा।

फसल बुआई के लिए खाद, बीज और दवा केवल यहां से खरीदें

कृषि विभाग सहायक निदेशक भवानीमंडी राजेश, विजय, सहायक कृषि अधिकारी हरिशंकर कोली, डॉ विशाल जैन, कृषि पर्यवेक्षक दीपक शर्मा, लेखराज प्रताप, कन्हैया लाल वर्मा, राकेश कुमार, काशीराम, कालू लाल व पुलिस कांस्टेबल भोपाल उपस्थित थे।

अधिकारियों ने सभी किसान भाईयों को चेतावनी दी हैं कि खरीफ फसल की बुआई के लिए खाद, बीज‌ और दवा वहीं से खरीदें जो पंजीकृत और लाइसेंसी विक्रेता हैं। जो किसी भी ट्रैक्टर, ट्राली, पिकअप या मोटरसाइकिल से आपके गांव या बाज़ार में बिक्री कर रहें हैं उनसे ना खरीदें।

तो किसान भाईयों आज हमनें बात की, राजस्थान में किसान भाइयों को बेची जा रही खाद की जगह मिट्टी या नकली खाद को लेकर और असली और नकली खाद की पहचान कैसे करें। इस ख़बर पर हमनें विस्तार से चर्चा की। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बाॅक्स में अवश्य पूछें। आपको ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।

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