खेती करने के लिए किसान भाइयों को पेट्रोल (Petrol) और डीज़ल (Diesel) से चलने वाले यंत्रों का उपयोग करना ही पड़ता हैं। जिसके लिए उन्हें डीज़ल की ज़रूरत हमेशा पड़ती हैं और इस समय छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों को डीजल नहीं मिल पा रहा हैं। जिसके कारण किसान भाइयों को बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।
जी हां बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) में किसान भाइयों को डीजल नहीं मिल रहा हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि किसान भाइयों को अपने राज्य से दूर जाकर डीजल लेकर आना पड़ रहा हैं। देश के बडे़-बडे़ पैट्रोलियम पंप खाली पड़ नज़र आ रहें हैं। चाहें। हिंदुस्तान पैट्रोलियम हो, भारत पैट्रोलियम हो या इंडियन ऑयल जैसे पैट्रोल पंप पर डीजल कम पड़ गया हैं।
एस्सार और रिलायंस (Reliance) जैसे बड़े पेट्रोलियम भी करीब बंद होने की कगार पर हैं। क्योंकि उनके पंपो पर डीज़ल ही नहीं हैं और इधर खरीफ फसल की बुवाई लगभग शुरू हो चुकी हैं। किसान भाईयो को ट्रैक्टर चलाने के लिए बड़े पैमाने पर डीज़ल की जरूरत पड़ती हैं। लेकिन पंपो पर डीज़ल ही नहीं हैं। अब उनके खेत की बुवाई कैसे होगी यह उनके लिए एक बड़ी समस्या बन गया हैं।
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अधिकारियों का कहना हैं कि उन्हें विशाखापट्टनम रिफाइनरी से सप्लाई नहीं मिल पा रही हैं। जिसके कारण यह स्थिती बनी हुई हैं। उन्होंने यह भी बयाता कि उनके पास 01 या 02 दिन का ही डीजल बचा हैं और उनका यह भी कहना हैं कि अलग-अलग रिफाइनरी से संपर्क करने की बात चल रही हैं। जैसे ही बात बनती हैं तो वह तुरंत प्रभाव से डीज़ल की व्यवस्था करवा देंगें। यह बात छत्तीसगढ़ पैट्रोलियम एसोसिएशन ने कहा हैं कि ज्यादातर पंपों पर केवल 01 या 02 दिन का ही डीज़ल बचा हैं।
खरीफ़ (Kharif) की फसल लगभग शुरू हो चुकी हैं। धान की खेती के लिए किसान भाइयों को पहले ही बारिश में जुताई करनी पड़ती हैं। फिर उसके बाद दोबारा जताई करते हैं और यह काम बिना ट्रैक्टर के संभव नहीं हैं। इसलिए किसान भाइयों को डीज़ल चाहिए। डीज़ल ना मिलने के कारण सभी ट्रैक्टर बंद पड़े हुए।
पेट्रोल और डीजल की एडवांस बुकिंग के बावजूद भी सप्लाई रूकी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बात किया जाए। तो वहां के जितने भी पेट्रोल पंप के संचालक हैं। उन्होंने बयाता की हम पहले से ही 03 से 04 टैंकरों के लिए एडवांस में पेमेंट कर चुके हैं। लेकिन कंपनियां अभी तक सप्लाई ही नहीं कर रहीं हैं। अगर वहीं मंदिर हसौद, एचपीसीएल के बाहर टैंकरों की लंबी लाइन लगी हैं।
आख़िर छत्तीसगढ़ राज्य में डीज़ल की समस्या क्यों आई?
इंडस्ट्रियल डीज़ल महंगा होने के कारण केंद्र सरकार ने 20 मार्च को इंडस्ट्रियल डीज़ल 25 रुपये तक महंगा कर दिया और फिर 22 मई को पेट्रोल से 08 रुपए और डीज़ल से 06 रुपये एक्साइज ड्यूटी घटा दी। लेकिन इंडस्ट्रियल डीज़ल को राहत नहीं मिली तो इंडस्ट्री वाले पंपो से ही 25 रुपये तक सस्ता डीज़ल खरीद रहे हैं।
केंद्र सरकार के टैक्स (Tax) घटाने पर पेट्रोल पंप घाटे में हैं। इसका भी कुछ कारण है सरकार ने पेट्रोल डीज़ल की एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी। जिसके कारण क्या हुआ था पेट्रोल पंप संचालकों ने इसके पहले बढ़ी हुई कीमतों पर खरीदा था। लेकिन अब उन्हें कम कीमतों पर डीज़ल बेचना पड़ रहा हैं और क्योंकि पेट्रोल और डीजल के लिए पंप संचालकों ने पेमेंट पहले ही कर दी थी। इससे अब उन्हेंं घाटा हो रहा हैं।
एक कारण यह भी हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार (International Market) में इसमेंं तेज़ी देखने को मिल रही हैं। इसके कारण कच्चे तेल के दामों में भी बढ़ोतरी हुई हैं। कंपनियों को तेल बेचने में घाटा उठाना पड़ रहा हैं और केंद्र सरकार ने महंगाई के कारण कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की हैं इसीलिए कंपनियों ने सप्लाई भी कम कर दी हैं।
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इस पर हमारे किसान भाइयों का क्या कहना हैं जानें
- एक किसान भाई ने यह कहा कि अड खेत की जुताई करनी हैं। डीज़ल कहीं भी मिले मुझे उसको स्टॉक करना ही पड़ेगा।
- वहीं अगर अभनपुर से धमतरी के बीच बात किए जाएं तो किसी भी पंप पर डीज़ल नहीं हैं और किसान भाइयों को जुताई करने के लिए डीज़ल की बहुत जरूरत हैं।
- किसान भाइयों का यह भी कहना हैं कि अगर 05 से 07 दिन तक यहीं स्थिति रहीं। तो केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर मांग करनी पड़ेगी।
डीज़ल की सप्लाई पर पैट्रोल पंप संचालक का क्या कहना हैं?
वहीं पंप संचालकों का कहना हैं कि 02 से 03 दिनों में हम इस समस्या को को सुलझा देंगे और पेट्रोल पंप को बंद नहीं होने देंगे, हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि पंप इसलिए बंद है क्योंकि कुछ लोगों के पास डीज़ल लेने का पैसे भी नहीं हैं।
तो किसान भाईयों आज हमनें बात की, छत्तीसगढ़ राज्य में 70%-80% पंपो पर डीजल ख़त्म होने से हमारे किसान भाई खेत की जुताई कैसे करेंगे। इस ख़बर पर हमनें विस्तार से चर्चा की। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बाॅक्स में अवश्य पूछें। आपको ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।
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