फरवरी मे उगाए ये फल सब्जिया Fruits Vegetable Grow in February

फरवरी मे उगाए ये फल सब्जिया Fruits Vegetable Grow in February

नमस्कार किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे तीन ऐसे फलों (तरबूज, पपीता, ककड़ी) की जिसे आप फरवरी में उगाकर (Fruits Vegetable Grow in February) अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं और साथ ही फसलों की बुआई से लेकर तुड़ाई तक की पूरी प्रक्रिया भी देखेंगे तो सबसे पहले बात करते हैं तरबूज की।

तरबूज (Watermelon)

फरवरी मे उगाए ये फल सब्जिया Fruits Vegetable Grow in February

तरबूज की खेती हमेशा अधिक तापमान में की जाती है यानि की गर्म जलवायु में। इसके बीज अंकुरण के लिए 22-25 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान सही माना गया है। बात करें मिट्टी की तो तरबूज की खेती के लिए रेतीली व रेतीली दोमट मिट्टी अभी तक सही मानी गई है। जमीन का पी एच मान करीबन 5.5-7.0 के बीच होना जरूरी है।  ज्यादा जुताई की जरूरत रेतीली भूमि को नहीं होती। इसलिए 3-4 जुताई पर्याप्त मानी जाती है।

तरबूज की बुआई कैसे करें

तरबूज की बुआई नवंबर-दिसंबर में भी की जाती है लेकिन जनवरी-मार्च में इसकी अधिक बुवाई होती है। तथा पहाड़ी क्षेत्र में मार्च-अप्रैल महीने में इसे बोया जाता है। बुवाई करते समय दूरी निश्चित होनी चाहिए। 3-4 बीज ही एक थामरे में लगाएं। तथा गहराई 4-5 सेंटीमीटर होनी चाहिए। फरवरी-मार्च में बोई जाने वाली फसल में लगभग बीज कम ही लगते हैं औसतन 3-4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीज लगाए जाते हैं। बीजों को हाथों से लगाना चाहिए। (Fruits Vegetable Grow in February)

उर्वरक व खाद्य की मात्रा का प्रयोग

तरबूज की खेती में करीबन 20-25 ट्राली गोबर की खाद रेतीली जमीन में मिला देनी चाहिए। पोटोश 60 किलोग्राम, फास्फेट 60 किलोग्राम, नत्रजन 80 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। नत्रजन की आधी मात्रा आप बुवाई करते समय डाले तथा बच्ची हुई मात्रा को आप बुवाई के 25-30 दिन बाद डाले।

सिंचाई कब और कैसे करें

तरबूज की सिंचाई करीबन बुवाई से 10-15 दिन के बाद करनी चाहिए। यदि नमी की मात्रा कम हो तो पहले भी कर सकते हो। 8-10 दिन के अंतर में नालियों से सिंचाई करते रहे ताकि नमी समाप्त ना हो। खरपतवार से आप फसल को बचाए रखे नहीं तो आपकी उपज पर असर पड़ सकता है।

तरबूज की तुड़ाई कब करें

तरबूज की पैदावार उसकी किस्मों पर निर्भर करती है। औसतन देखा जाए तो 800-1000 क्विंटल प्रति हेक्टेयर फल प्राप्त होते है। तरबूज की बुवाई के करीबन 3-3 1/2 महीने के बाद आप तोड़ना प्रारंभ कर दें। यदि आपको उपज कहीं दूर भेजनी है तो आप कुछ दिन पहले भी तोड़ सकते हो। (Fruits Vegetable Grow in February)

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पपीता (Papaya)

फरवरी मे उगाए ये फल सब्जिया Fruits Vegetable Grow in February

पपीते की खेती भी गर्म जलवायु में की जाती है इसकी खेती को लू से खतरा होता है लू से बचने के लिए हवा रोधक वृक्ष लगा ले। पपीते की खेती के लिए 38-44 डिग्री सेल्सियस तक सही माना गया है। हमेशा भूमि ऐसी चूने जो उपजाऊ हो तथा जल निकास व्यवस्था अच्छी हो। ध्यान रखें खेत में पानी ना भरा हो।

पपीते की बुआई कैसे करें

खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल बना ले। 2-2 मीटर की दूरी पर गहरा, चौड़ा व लंबा गढ्ढा बना ले। उसके बाद गड्ढों में 20 किलोग्राम गोबर की खाद, 250 ग्राम पोटाश तथा 500 ग्राम फास्फेट पौधे लगाने से 10 दिन पहले गड्ढों में भर दे। एक हेक्टेयर में करीबन 500 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। (Fruits Vegetable Grow in February)

उर्वरक व खाद्य की सही मात्रा

यदि देखा जाए एक पौधे को वर्षभर में 500 ग्राम पोटाश,  250 ग्राम स्फुश एवं 250 ग्राम नत्रजन चाहिए होता है। इसको करीबन 6 भागों में बांटकर हर 2 महीने के अंतर से  उर्वरक व खाद्य डालें। ये जो मिश्रण है इसे ऐसे पौधों को ना दे या नर पौधे को ना दे जिसे कुछ महीने बाद उखाड़ कर फेंकना है।

पपीते की सिंचाई कब करें

गर्मियों के दिनों में 4-7 दिन के अंतर पर इसकी सिंचाई करें। तथा सर्दियों में 10-15 दिन के अंतर पर सिंचाई करें। जब तीसरे सिंचाई कर लो तो निराई गुड़ाई करना ना भूलें। ध्यान रखें तने वे जड़ों को हानि ना पहुंचे। (Fruits Vegetable Grow in February)

संरक्षण कैसे करे

पपीते की खेती में एफीड्स, माइट जैसे कीटों का खतरा बनता हुआ देखा गया है। फूट एण्ड स्टेम बीमारी से पौधे को बचाए रखे इसके नियंत्रण के लिए आप तने के पास पानी ना जमा होने दें। पावडरी मिलड्स के नियंत्रण के लिए सल्फर डस्ट का प्रयोग कर सकते हो।

तुड़ाई कब और कैसे करें

बुआई करने के 9-10 महीने के बाद फल तौड़ने के स्थिति में आ जाते हैं। जब पपीता का रंग हरे रंग से बदलकर पीले रंग में परिवर्तन हो जाए तथा नाखून के लगने पर तरल निकले तो आप समझ जाइए की फल पक गया है। करीबन 35-40 प्रति हेक्टेयर पपीते की उपज प्राप्त होती है। (Fruits Vegetable Grow in February)

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ककड़ी (Cucumber)

फरवरी मे उगाए ये फल सब्जिया Fruits Vegetable Grow in February

ककड़ी की खेती करने के लिए ककड़ी को कई तरह के मिट्टी में उगाया जा सकता है। रेतीली दोमट मिट्टी भारी होनी चाहिए जो कि निकास वाली हो। अब बात करे पी एच मान की तो करीबन  5.8-7.5 मृदा का पी एच मान होना चाहिए। ककड़ी में भी कहीं तरह के किस्में होती है जैसे कि पंजाब लॉगमैलन-1, कर्नल सेलेक्शन, अलका शीतल आदि।

ककड़ी की बुआई कैसे करें

यदि आप ककड़ी की खेती करना चाहते हो तो आपको उसके लिए जमीन तैयार करनी पड़ेगी। करीबन आपको 2-3 बार मिट्टी की जुताई करनी होगी ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके। इसकी बुवाई के लिए फरवरी मार्च का महीना सही है।

बुआई करते समय ध्यान दें करीबन 60-90 सेंटीमीटर मेड़ों के बीच दूरी रखें। तथा 200-250 सेंटीमीटर खातियों के बीच दूरी अवश्य रखें। हमेशा 2.5-4 सेंटीमीटर गहराई पर बीज बोये। आपको प्रति एकड़ देखा जाए करीबन 1 किग्रा बीजो की आवश्यकता पड़ेगी।

उर्वरक व खाद्य की मात्रा का प्रयोग

लगभग 15 सेंटीमीटर नर्सरी बैड से दूर पोटाश व फास्फोरस की पूरी मात्रा डाल दे। और नाइट्रोजन एक तिहाई भाग बिजाई के समय पर डाल दे उसके बाद बची हुई नाइट्रोजन को बिजाई से करीबन 1 माह बाद डाले। (Fruits Vegetable Grow in February)

सिंचाई कब करनी चाहिए

लगभग हर खेती में सिंचाई की आवश्यकता होती है जब आप इसकी बिजाई करे तो उसके बाद आप तुरंत इसकी सिंचाई जरुर करें। बात करे गर्मियों की तो 4-5 सिंचाई की जरूरत गर्मियों में पडती है। यदि बारिश हो रही है तो आप आवश्यकतानुसार इसकी सिंचाई करें।

कटाई कब करें इस फसल में बुवाई के करीबन 60-70 दिनों के बाद ही फसल कटाई के लायक हो जाती है। जब फल पूरी तरह विकसित हो जाए और नरम हो तो आप कटाई कर सकते हो। मुख्य रुप से देखा जाए तो फूल निकलने वाले मौसम के 3-4 दिनों के अंतराल पर ही इसकी कटाई कर सकते हो। (Fruits Vegetable Grow in February)

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आज हमने इस पोस्ट में बात की फरवरी में उगाई जाने वाले (Fruits Vegetable Grow in February) तीन फलों की जिसे आप उगाकर अच्छा लाभ ले सकते हैं। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी कमेंट में लिख कर जरूर बताएं और अगर आपका कोई भी प्रश्न हो या आपको किसी भी विषय पर पोस्ट चाहिए तो आप नीचे कमेंट में जरूर लिखें।

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