हरियाणा सरकार राज्य में कपास की खेती को ज़्यादा से ज़्यादा करने के लिए किसान भाइयों को प्रोत्साहित कर रही हैं। इस वर्ष हरियाणा सरकार ने अनुमान भी लगाया हैं कि लगभग 7 लाख से 8 लाख हेक्टेयर कपास की खेती की जानी चाहिए। इसीलिए हरियाणा सरकार 3000 रुपये प्रोत्साहन धनराशि शुरू कर रही हैं। आइए जानते हैं कि कैसे मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि।
ये रोग कपास की फसल को बर्बाद कर देता हैं!
हरियाणा में कपास की फसल करने वाले किसान भाइयों को एक रोग के कारण कपास की फसल के उत्पादन में कमी आती हैं। जिसका नाम गुलाबी सुंडी (पिंक बालवर्म) हैं। ये कीड़े कपास की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता हैं। जिसके कारण हरियाणा सरकार और किसान भाइयों को बहुत ही चिंता होती हैं। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस बार देसी कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की हैं। जिसके तहत प्रति एकड़ किसान भाइयों को 3000 रुपये दिए जाएंगे।
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हरियाणा सरकार के अनुसार कपास की कौन सी फसल लगानी चाहिए?
हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, के बीटी कॉटन (KBT Cotton) किस्में या और अन्य किस्मों में कीड़ों का अधिक हमला होता हैं। जिससे कपास की पूरी फसल बर्बाद हो जाती हैं। किसान भाइयों को दवाओं का भी अलग से छिड़काव करना पड़ता हैं। जिसका खर्च उन्हे उठाना पड़ता हैं इसीलिए हरियाणा सरकार ने देसी किस्म की कपास बोने के लिए किसान भाइयों को प्रेरित कर रही हैं और उन्हें धनराशि भी देने की योजना हैं।
कपास की फसल के लिए प्रोत्साहन योजना का लाभ कैसे लें?
हरियाणा के किसान भाइयों को इस योजना का लाभ लेने के लिए 30 जून तक मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora) पर अपना पंजीकरण करना होगा। अगर जो किसान भाई पंजीकरण नहीं कराते तो उन्हें धनराशि नहीं मिलेगी। कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (Department of Agriculture & Farmers Welfare) की ओर से अगर हमारे किसी भी किसान भाई को और अधिक जानकारी चाहिए हो। तो टोल फ्री नंबर (Toll Free) 1800-180-2117 पर कॉल कर सकते हैं। कपास की फसल हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की मुख्य फसल मानी जाती हैं।
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हरियाणा के कुल कितने ज़िलों में कपास की खेती होती हैं?
हरियाणा में लगभग कुल 10 से 15 जिलों में कपास की खेती होती हैं। देसी कपास की बिजाई का समय 30 मई तक था। लेकिन हरियाणा के प्रमुख ज़िले जहां पर सबसे ज्यादा कपास खेती होती हैं। जैसे सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, जींद, रोहतक, भिवानी, महेंद्रगढ़, पलवल, झज्जर, व रेवाड़ी जैसे ज़िलों में कपास की जबरदस्त पैदावार होती हैं।
सरकार के द्वारा बागवानी के लिए राशि को बढ़ाया गया
हरियाणा में किसान भाइयों को सरकार बागवानी करने के लिए भी प्रोत्साहित दे रही हैं। जिससे कि ज़्यादा से ज़्यादा बाग किसान भाई लगाएं और किसान भाइयों को बागवानी करने के लिए सरकार पहले 12 हजार 300 प्रति एकड़ अनुदान दे रही थी। इसके लिए आपको पहले वर्ष 7200 रुपऐ प्रति एकड़ मिलेगा। जबकि अब किसान भाइयों को 19 हजार 500 रुपये प्रति एकड़ मिलेगा। अब हरियाणा सरकार के द्वारा बागवानी राशि को बढ़ाया गया हैं।
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हरियाणा में बाग बढ़ने के लिए बागवानी के लिए भी अनुदान
कृषी विभाग की मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया हैं कि बागों का क्षेत्रफल बढ़ाने के लिए यह अलग योजना लागू की गई हैं। जिससे किसान भाई फलदार पेड़ों को लगाकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं और एक किसान केवल अधिकतम 10 एकड़ तक बागवानी करके इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए किसान भाइयों को “मेरी सफल मेरी ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और इसमें “पहले आओ पहले पाओ” के आधार पर ही अनुदान दिया जाएगा। इसलिए आप सभी किसान भाई जल्द से जल्द इस पर रजिस्ट्रेशन कर दीजिए।
बागवानी योजना का लाभ कैसे और कितना मिलता हैं जानें
किसान भाई बागवानी वेबसाइट hortnet.gov.in पर भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। सामान्य दूरी वाले बागवानी के लिए 19 हजार 500 रुपये तथा अधिक घनी बागवानी के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का भी प्रावधान हैं। वहींं हरियाणा सरकार ने टिशू कल्चर खजूर को बढ़ावा देने के लिए 84 हजार रुपये देने का भी नहीं निर्णय लिया हैं और पौधा जल प्राणी के लिए हरियाणा सरकार 70 हजार रुपये प्रति एकड़ किस्त के रूप में दे रही हैं। जिसमें ड्रैगन फ्रूट, अनार, अमरुद, अंगूर जैसी फसलें शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत, फलों का बाग लगा कर हमारे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
तो आज हमनें बात की हरियाणा सरकार दे रही 3000 रुपये प्रोत्साहन धनराशि कपास उत्पादन के लिए, ये राशि कब और कैसे मिलेगी। इस ख़बर पर हमनें विस्तार से चर्चा की।। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और आप सभी किसान भाइयों को ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।
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