खरीफ फसल की बुवाई लगभग शुरू हैं और तिलहन फसल में सोयाबीन की बुवाई करने का यह अच्छा समय होता हैं। खेती पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने किसान भाइयों को सलाह दी हैं कि अगर वह है सोयाबीन की उन्नत खेती इस तरह से करते हैं तो उनका अच्छा फायदा हो सकता हैं। मानसून लगभग हर क्षेत्र में पहुंच चुका है और कुछ जिलों में पर्याप्त बारिश भी हो चुकी हैं। जिसके कारण किसान भाइयों के द्वारा सोयाबीन की बुवाई भी हो चुकी है। लेकिन अभी भी काफी किसान भाइयों को सोयाबीन की खेती करना बाकी हैं। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को सलाह दी जाती हैं सोयाबीन की बुवाई करें क्योंकि सोयाबीन की खेती में फायदा दिख रहा हैं। सोयाबीन की खेती में एमएसपी (MSP) से ज़्यादा दाम मिलता है।
सोयाबीन की उन्नत खेती किस पद्धति से करें?
वैज्ञानिकों ने बताया हैं कि किसान भाइयों को अच्छी किस्म की सोयाबीन बोनी चाहिए और साथ-साथ वह अपने खेत में विभिन्न समय अवधि में पकने वाली 2-3 किस्मों की खेती में प्राथमिकता दें और 60% से 70% पैदावार होने वाले अच्छे बीज का ही प्रयोग करें। अंकुरण टेस्टिंग के माध्यम से सोयाबीन की बुवाई के लिए उपलब्ध बीज को ही लेकर आएं। जिससे विपरीत मौसम जैसे सूखे की स्थिति या ओलावृष्टि से नुकसान होने के कम चांस रहते है और सोयाबीन की उन्नत खेती बीबीएफ (BBF) यानी चौड़ी क्यारी पद्धति से करें।
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सोयाबीन के बीज का उपचार कैसे करें?
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों ने बताया हैं कि सोयाबीन की उन्नत खेती करने के लिए किसान भाइयों को अच्छे बीज चुनना बहुत ही ज़रूरी होता हैं। जिससे सोयाबीन के उत्पादन में अच्छी वृद्धि हो और रोग लगने की संभावना भी कम हो जाएं। वैज्ञानिक किसान भाइयों को बीज चुनने से पहले कुछ सलाह देते हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं:-
- बुआई के समय किसान भाई को एजोक्सीस्ट्रोबीन+थायोफिनेट+मिथाईल+पायरोक्लोस्ट्रोबी से बीज का उपचारित करें।
पेनफ्लूफेन+ट्रायफ्लोक्लिस्ट्रोबीन 30 एफएस मेें .1 मिली/किग्रा बीज का उपचार किया जा सकता हैैं।
इसके अलावा कार्बोक्सिन 37.5%-थाइरम% (3 ग्राम/किग्रा बीज अथवा थाइरम) 2 ग्राम एवं कार्बेन्डाजिम) 1 ग्राम प्रति/किग्रा बीज से उपचारित कर थोडी देर छाया में सुखाएं।- इसके बाद जो अनुशासित कीटनाशक थायामिथोक्सम 30 एफएफ 10 मिली/ग्राम किग्रा बीज (अथवा इमिडाक्लोप्रिड ) 1.25 मिली प्रति किग्रा बीज का भी उपचार करें।
- सोयाबीन की बुवाई करते समय किसान भाइयों को जैविक कल्चर ब्रेडीरायबियम+पीएसएस प्रत्येक 5 किग्रा/बीज की दर से उपचार करें। किसान रासायनिक फफूंद नाशक के स्थान पर जैविक फफूंद नाशक ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम/किग्रा बीज का भी उपयोग कर सकते हैं। जिसको जैविक कल्चर के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है।
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सोयाबीन की खेती में उर्वरक का कितना प्रयोग करें?
वैज्ञानिकों ने बताया कि सोयाबीन की उन्नत खेती करने के लिए हमें लगभग यूरिया 56 किलोग्राम 375 प्लस किलोग्राम सुपर फास्फेट व 67 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश अथवा 125 किलोग्राम डीएपी (DAP), 67+ किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश 200+ ग्राम सल्फर या मिश्रित उर्वरक 200 किलोग्राम प्लस 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बेन्टोनेट सल्फर का प्रयोग कर सकते है।
तो आज हमनें बात की कैसे हम सोयाबीन की उन्नत खेती करके अच्छा उत्पादन पाएं। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और आप सभी किसान भाइयों को ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।
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