अब भारत गोबर का निर्यात कर रहा हैं। 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर कुवैत भेजा जा रहा हैं।

अब भारत गोबर का निर्यात कर रहा हैं। 192 मीट्रिक टन देशी गाय का गोबर कुवैत भेजा जा रहा हैं।

भारत देश में गाय को एक गौ माता के रूप में पूजा जाता हैं। वहीं गायों का गोबर का बहुत ही अच्छा उपयोग होता हैं। फसलों से लेकर अन्य प्रकार के पूजा पाठों और हवन तक में गाय के गोबर का उपयोग किया जाता हैं। अभी तक केवल भारतीय लोग इसका उपयोग करते थे। लेकिन अब विदेशों में वैज्ञानिकों ने रिसर्च करके बताया हैं। कि गाय के गोबर से फसल में भी बहुत अच्छा फायदा होता हैं। इसी को देखते हुए कुवैत देश ने भारत से 192 मीट्रिक टन देसी गाय का गोबर मांगा हैं। यानी अब भारत कुवैत में गाय के गोबर का निर्यात करने जा रहा हैं।

गोबर की पहली खेप कब भेजी जा रही हैं?

कुवैत से गाय के गोबर का आर्डर मिलने के बाद से ही भारत देश में गाय के गोबर की पैकेजिंग की तैयारी चालू हो गई हैं और इसकी पहली खेप जो है 15 जून 2022 को भेजने की पूरी तैयारी हैं। जो कि कनकपुरा स्टेशन से कंटेनर मुंबई जाएगा और फिर वहां से जहाज के द्वारा कुवैत भेजा जाएगा। मतलब भारत से कुवैत में गाय के गोबर का निर्यात हो रहा हैं। यह सब कस्टम विभाग के अधिकारियों की निगरानी में होगा।

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गाय के गोबर को लेकर वैज्ञानिकों ने रिसर्च में क्या पाया जानें?

कुवैत देश के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में पाया कि देसी गाय की गोबर का उपयोग करने से फसल में अच्छी पैदावार देखने को मिलीं। उन्होंने खजूर की फसल में गाय के गोबर का उपयोग किया। जिसके बाद उन्होंने देखा कि फल के आकार और उत्पादन में काफी अच्छी पैदावार देखने को मिलीं। इसी कारण से कुवैत की एक कंपनी “लैमोर” ने भारत से गाय के गोबर की मांग की हैं।

गाय के गोबर में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?

वैज्ञानिकों ने बताया कि गाय के गोबर में 0.5 से 0.6 नाइट्रोजन, 0.25 से 0.30 फास्फोरस, तथा 0.25 से 0.35 पोटाश की मात्रा के साथ-साथ गोबर में कैल्शियम, मैग्नीशियम, गंधक, लोहा, मैगनीज, तांबा, जस्ता, जैसे कई महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं। जिसके कारण गाय के गोबर से फसल में काफी अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलती हैं।

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गाय का गोबर कुवैत जैसे देशों में कितने दिनों में पहुंचेगा?

अभी तक गाय से ज्यादातर दूध, दही, घी, का उपयोग ज़्यादातर होता हैं या कुछ प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। जिसके चलते गोबर का निर्यात विदेशों में किया जाता हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा हैं कि अब गाय का गोबर भी देश विदेशों में भेजा जाएगा और अच्छी खासी आय अर्जित की जाएगी। कुवैत और शाहजहां में गाय के गोबर भेजने की तैयारी भारत में जोरों शोरों से चल रही हैं। इसके लिए अच्छे से पैकेजिंग की जा रही हैं क्योंकि भारत से कुवैत या शाहजहां तक पहुचने मे कम से कम 210 दिन से 215 दिन तक लगत सकते हैं।

विदेशियों के लिए गाय का गोबर कितना महत्वपूर्ण हैं? ये जानें

अधिकारियों ने बताया हैं कि भारत में लगभग 30 करोड़ मवेशियों की संख्या हैं। वही रोज़ाना लगभग 30 से 35 लाख टन गाय का गोबर मिलता हैं। इसमें लगभग है 25 फ़ीसदी से 30 फ़ीसदी उपला बनाकर लोग खाना बनाने में जला देते हैं। जबकि कई अन्य देश हैं जैसे कि ब्रिटेन वहां पर गोबर गैस से कई लाख यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाता हैं और वहीं चीन की बात की जाए तो वहां पर घरेलू ऊर्जा के लिए गैस के गोबर की आपूर्ति की जाती हैं। अभी अपने भारत देश में ऐसा नहींं होता हैं।

तो किसान भाईयों आज हमनें बात की,भारत से विदेशों में गाय का गोबर निर्यात किया जाएगा। इस ख़बर पर हमनें विस्तार से चर्चा की। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर जरूर करें और कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बाॅक्स में अवश्य पूछें। आपको ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।

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