आज हम बात करेंगे 5 सालों में इंदौर मंडी (Indore Mandi) में 2011 से 2015 तक प्याज का भाव और आवक क्या रहीं और साथ ही ये भी जानेंगे की आगे भविष्य में आपको अपना प्याज कैसे और कब बेचना हैं। जिससे आप प्याज बेच कर अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते है तो आईए शुरु करते हैं।
प्याज की आवक हुई कम और भाव बढ़ा
2011 में जनवरी में प्याज का भाव 2500-3000 रूपए प्रति क्विंटल देखने को मिला था और आवकों में बढ़ोतरी के बाद भाव में काफी गिरावट देखने को मिली थी। जुलाई से आवकों में कमी के साथ भाव में भी सुधार देखने को मिला जो कि 12-18 रूपए प्रति किलो तक रहा और आवकों में कमी लगातार जुलाई से अक्टूबर तक दिखी है। बारिश के प्याज की आवकों में बढ़ोतरी नवंबर में देखने के बाद एक बार फिर भाव में कमी देखी गई थी। जो की 900-1200 प्रति क्विंटल तक रही थी।
साल 2011 में इंदौर मंडी (Indore Mandi) प्याज भाव काफ़ी काम रहा

साल 2011 के सितम्बर से नवंबर के भाव अच्छा रहने के कारण प्याज के रकबे में बढ़ोतरी होना निश्चित था और इतनी खासी बढ़ोतरी थी कि जिसका प्रभाव हमे जनवरी से अक्टूबर तक प्याज के भाव 600 प्रति क्विंटल देखा गया था। वहीं जुलाई में प्याज के भाव में कमी एक मात्र कारण था बारिश के प्याज के रकबे में थोड़ी कमी आना। जिसका प्रभाव प्याज के दिसंबर भाव जो की 200-300 रूपए प्रति क्विंटल देखने को मिला।
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2012 में रकबा कम रहा और जनवरी 2013 में भाव में तेज़ी रहीं

जुलाई 2012 से अक्टूबर 2012 में प्याज का भाव काफी कम होने के कारण सितंबर, अक्टूबर ओर नवंबर में प्याज का रकबा काफी कम रहा किसके चलते इंदौर मंडी (Indore Mandi) में प्याज के भाव जनवरी 2013 से ही आसमान छुने लगे ओर जनवरी शुरुआत से ही 4000 रूपए प्रति क्विंटल देखा गया था और आवक बढ़ने के साथ भाव में मामूली सी कमी देखने को मिली ओर प्याज का भाव जनवरी से मई 2013 तक लगभग 4000 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास रहा था।
इस कारण 2013 में भाव 4000 रुपए रहा

इंदौर मंडी (Indore Mandi) में जून 2013 में आवकॊ में कमी के साथ प्याज के भाव आसमान छुने लगे ओर जून जुलाई 2013 में प्याज का भाव 9000-4000 प्रति क्विंटल तक देखने को मिला था। बारिश ओर पिछले साल के रकबे के कारण प्याज का भाव अक्टूबर से दिसंबर 2013 तक समान 4000 रूपए प्रति क्विंटल तक देखा गया था।
आख़िर 2014-2015 में भाव क्यों गिरे जानें

निश्चित हो गया था कि इंदौर मंडी (Indore Mandi) में सितंबर से दिसंबर 2013 के भाव के कारण प्याज के रकबे में बढ़ोतरी होना और वैसा ही हुआ। जिसका प्रभाव जनवरी 2014 से देखने को मिला और 4000 प्रति क्विंटल से भाव गिर कर 1000 रूपए प्रति क्विंटल होगया था। और फरवरी से जून तक भाव 600 रूपए प्रति क्विंटल तक देखा गया था।
आवकों में कमी के साथ प्याज के भाव में अच्छी खासी 500 रूपए प्रति क्विंटल तक बढ़ोतरी देखी गई थी और ये भाव दिसंबर तक समान बना रहा था। सितंबर से दिसंबर 2014 में अच्छा भाव होने के साथ प्याज के रकबे में बढ़ोतरी होने के कारण फिर जनवरी 2015 में भाव 1100-900 रूपए प्रति क्विंटल मॉडल प्याज देखा गया था।

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