इस राज्य सरकार ने 07 रुपए में प्याज खरीदी शुरू की। प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत

इस राज्य सरकार ने 07 रुपए में प्याज खरीदी शुरू की। प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत

प्याज खरीदी को लेकर राजस्थान सरकार का एक बहुत बड़ा निर्णय आया हैं। लेकिन यह निर्णय किसान भाइयों के हित में नहीं हैं। राजस्थान सरकार ने प्याज खरीदी को मंजूरी तो दे दी हैं। लेकिन राजस्थान सरकार अभी भी प्याज का उतना भाव नहीं दे रही हैं, जितना की किसान भाइयों को चाहिए। इस वर्ष राजस्थान में किसान भाईयो के द्वारा लगभग 15 लाख मैट्रिक टन प्याज का उत्पादन किया गया हैं। लेकिन राजस्थान सरकार प्याज हस्तक्षेप योजना तहत केवल 2 लाख 56 हजार 400 मैट्रिक टन ही प्याज की खरीदेगी। इस फैसले से हमारे किसान भाई बहुत ही परेशान हैं।

राजस्थान में किसान भाइयों का कहना हैं कि पिछले कई वर्षों से हमें कुछ भी फायदा नहीं हो रहा हैं। इस बार भी प्याज के भाव को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्याज की लागत 7.78 रुपए किलो बताई हैं। केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान सरकार को प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत प्याज खरीदी की अनुमति भी मिल गई हैं। अब राजस्थान सरकार प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत 7.78 रुपए से 08 रूपये किलो के भाव से ही प्याज खरीदने की तैयारी में हैं।

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किसान भाइयों का कहना हैं कि हमनें जो भी प्याज का उत्पादन किया हैं। उसमें हमारी 1 किलो प्याज के हिसाब से लागत लगभग 10 रुपए से 12 रुपए तक पड़ रही हैं और राजस्थान सरकार हम किसान भाइयों से प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत केवल 07 रुपए से 08 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीद रही हैं। इससे तो किसान भाईयों की लागत भी नहीं निकल पा रही।

प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत खरीदी गई प्याज का क्या होगा?

राजस्थान सरकार प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत 2 लाख 56 हजार 400 मैट्रिक टन प्याज खरीद तो रही हैं। लेकिन सरकार इतने प्याज को स्टॉक नहीं करेगी। राजस्थान सरकार एक तरफ किसान भाइयों से खरीदेगी और फिर दूसरी तरफ वही प्याज अन्य मंडियों में भेज देगी। इससे प्याज भाव में और भी गिरावट आ जाएगी।

आख़िर किस वर्ष प्याज का सही भाव किसान भाइयों को मिला?

भारतीय किसान भाइयों का कहना हैं। कि कई वर्षों से उनको प्याज का सही भाव नहीं मिल पा रहा हैं। अगर पिछले 20 से 25 वर्षों का आंकड़ा देखा जाए। तो केवल 4 साल ही हमें प्याज का अच्छा भाव मिला हैं। वर्ष 2003 में 80 रुपए से 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज का भाव मिला। उसके बाद वर्ष 2008 में 44 रुपए से 55 रुपऐ प्रति किलो के हिसाब से मिला। उसके बाद वर्ष 2015 में 29 रुपए से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिला और उसके बाद वर्ष 2019 में 50 रूपये से अधिक प्रति किलो के भाव से प्याज की खरीदारी हुई। लेकिन यह आंकड़ा सीजन बीतने के बाद का है क्योंकि किसान भाइयों का क्या होता हैं। वह जून के महीने में प्याज को बाजार में लाते हैं क्योंकि उनके पास प्याज स्टोर करने की सुविधा नहीं होती हैं और उसे बेचना ही उनके लिए सबसे अच्छा होता हैं। जैसा कि हम अभी देख भी सकते हैं।

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राजस्थान में कितने किसान भाइयों के पास प्याज स्टोरेज की सुविधा हैं?

आज अगर लगभग 25 हज़ार से 26 हज़ार किसान भाइयों में देखा जाए तो केवल 700 से 800 किसान भाइयों के पास ही प्याज स्टोरेज करने की सुविधा हैं हाॉर्टिकल्चर विभाग (Horticulture Department) के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत स्टोरेज बनाने के लिए किसान भाइयों को 50% अनुदान दिया जाता हैं।

प्याज को लेकर किसान भाइयों की क्या परेशानी है?

मंडियों में प्याज आना मई महीने में शुरू होता हैं और इसी समय गर्मी का भी सीजन शुरू होता हैं। किसान भाइयों के बीच में यही बहुत ही बड़ी समस्या होती हैं कि किसान भाई प्याज को स्टोर नहीं कर पाते हैं और उन्हें मजबूरन मई महीने और जून महीने के बीच में अपने प्याज को बेचना ही पड़ता हैं। जिसके कारण उनको अच्छा भाव भी नहीं मिल पाता है और जिन किसान भाइयों के पास स्टोरेज की सुविधा हैं। वो किसान भाई जुलाई के बाद प्याज को बेचते हैं।

प्याज ब्रोकर क्या कहते हैं?

प्याज को लेकर ब्रोकर का कहना है कि पिछले 10 से 12 वर्षों मे सितंबर महीने से दिसंबर महीने और जनवरी महीने तक प्याज के भाव में काफी उछाल रहता हैं। लेकिन उस समय किसान भाइयों के पास प्याज ही नहीं होता हैं। इसका फायदा बड़े स्टॉकिस्टों और बड़े व्यापारियों को मिलता हैं। कृषि विभाग के द्वारा हमारे किसान भाईयों को ग्रेडिंग का प्रशिक्षण भी देना चाहिए।

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अभी प्याज स्टॉक करने का देसी जुगाड़ जानें

किसान भाई अगर प्याज को देशी तरीके से स्टोर करना चाहते हैं तो देसी तरीका यह है कि सबसे पहल अपने खेत को आप लंबे चौड़े नालियों की तरह बनाए। इसके बाद उसमें प्याज को रखकर उसको ऊपर से पुआल से ढक दें। अगर आप सभी किसान भाई चाहते हैं। कि इस पर संपूर्ण जानकारी के साथ एक लेख लिखा जाएं। तो आप नीचे कमेंट कर के अवश्य बताएं।

अंतिम 05 वर्षों में प्याज के खुदरा भाव क्या रहें देखें

वर्ष 2017 में जून में प्याज का भाव 6 रुपए से 8 रुपए, अगस्त में 12 रुपए से 18 रुपए और दिसम्बर में 18 रुपए से 24 रुपए भाव रहें। वर्ष 2018 में जून में 6 रुपए से 13 रुपए, अगस्त में 9 रुपए से 14 रुपए और दिसम्बर में 14 रुपए से 19 रुपए रहें। वर्ष 2019 में प्याज के खुदरा भाव जून में 4 रुपए से 12 रुपए, अगस्त में 7 रुपए से 14 और दिसम्बर में 60 रुपए से 75 रुपए रहें। वर्ष 2020 में जून में 6 रुपए से 7 रुपए, अगस्त में 8 रुपए से 12 रुपए और दिसम्बर में 13 रुपए से 19 रुपए प्रति किलो रहें। वर्ष 2021 में जून में 9 रुपए से 13 रुपए, अगस्त में 14 रुपए से 21 रुपए और दिसम्बर में 12 रुपए से 18 रुपए रहें। वहीं वर्ष 2022 में मई में 4 रुपए से 9 रुपए प्रति किलो भाव रहे। जबकि दुकानदार का रेट 18 रुपए से 20 रुपए प्रति किलो तक रहें।

अभी प्याज उत्पादन में प्रति बीघा लगभग कितना खर्च आता हैं देखें

प्याज उत्पादन पर खर्च लागत रुपए में
बीज4000-5000
पौध तैयारी4000-5000
जुताई बुवाई8000-9000
देसी खाद2000-3000
सिंचाई3000-4000
सिंचाई मजदूरी2500-3500
जमीन किराया1000-2000
प्याज खुदाई5000-6000
पैकिंग ढुलाई2500-3500
कुल लागत30,000-40,000

तो किसान भाईयों आज हमनें बात की राजस्थान सरकार ने प्याज हस्तक्षेप योजना के तहत प्याज की खरीदी शुरू की हैं। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा। तो इस लेख को अधिक से अधिक शेयर जरूर करें और कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बाॅक्स में अवश्य पूछें। आपको ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ साझा ज़रूर करें, धन्यवाद।

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