भारी बारिश से खेतों में पानी जमा होने से सोयाबीन की फसल को अधिक नुकसान हुआ

भारी बारिश से खेतों में पानी जमा होने से सोयाबीन की फसल को अधिक नुकसान हुआ

महाराष्ट्र के किसान भाई इस समय काफी परेशान होते हुए दिखाई दे रहे हैं। जून महीने में बारिश ना होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई नहीं हो पाई और अब जुलाई के महीने में बारिश शुरू हुई हैं। लेकिन अत्यधिक बारिश होने के कारण फिर से बुवाई नहीं हो पा रही हैं।

महाराष्ट्र में कुछ दिनों से लगभग भारी बारिश चल रही हैं। जिसके कारण खरीफ फसल की बुवाई किसान भाई नहीं कर पा रहे हैं और राज्य में भारी बारिश के कारण खेतों मे पानी भर गया हैं। लेकिन लगातार एक हफ्ते से ज्यादा बारिश होने के कारण खेतों में पानी की निकासी नहीं हो पा रही हैं और जो भी बोए गए खेत थे उसमें भी पूरी तरह से पानी का जमाव हो गया हैं। जिससे किसान भाइयों को भारी नुकसान होता दिख रहा हैं और इस पर किसान भाइयों को कहना है कि समय से बारिश तो हुई। लेकिन वही बारिश अब नुकसानदायक साबित हो रही हैं। वाशिम जिलें के कई ब्लॉक में 13 जुलाई से 15 जुलाई के बीच लगभग इतनी ज्यादा बारिश हुई हैं कि खेतों में पूरा पानी भर गया है। जिससे ना केवल किसानों की फसल प्रभावित हुई हैं। बल्कि पैदावार में भी दिक्कत होगी बारिश के कारण बोई गई सभी फसल सड़ गई हैं। जिसके कारण अब दुबारा से बुवाई करनी पड़ेगी और वहीं अब हमारे किसान भाई भी पूरी तरह से संकट मे चल रहे है।

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कृषि विभाग ने किसानों को ये सुझाव दिया

भारी बारिश को देखते हुए कृषि विभाग ने जल निकासी की व्यवस्था की बात बोली हैं। लेकिन किसान भाई काफी समय से इसे करने में भी असमर्थ हैं। क्योंकि लगातार बारिश के कारण जो भी तैयारियां होती हैं उस पर मौसम ने पानी फेर दिया हैं। किसानों को उम्मीद थी कि इतनी बारिश नहीं होगी लेकिन ज़्यादा बारिश के कारण खेत में पूरी तरह से पानी जमा हो गया हैं। वही बांध और नदी के किनारे वाले खेतों की स्थिति ऐसी बन गई है कि जल निकासी का कोई संभव प्रयास भी नहीं दिख रहा हैं। खरीफ फसल की खेती लगभग जून महीने से शुरू होती है और जुलाई महीने मे किसान भाई काम करते हैं। पहले ही बारिश देरी से हुई है और अब ज्यादा बारिश भी एक परेशानी का कारण बन गई है।

सोयाबीन की फसल को अधिक नुकसान

महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण वैसे तो काफी फसलों का नुकसान हुआ हैं लेकिन 13 जुलाई से 15 जुलाई के बीच में जो भारी बारिश हुई हैं। उस बारिश ने कई जिलों में तबाही मचा दी है और पूरे खेत में पानी जमा हो गया है निकासी की कोई संभावना अभी तक नहीं दिख रही है और खेतों में लगातार पानी जमा होने के कारण फसल पूरी तरह से प्रभावित दिख रही है। इस बारिश में सबसे ज्यादा सोयाबीन और कपास के अंकुरित बीज खराब हुए हैं और जून में बारिश की देरी के कारण किसान उड़द और मूंग जैसी दलहन की खेती नही कर पाएं थे। उन्होंने सोयाबीन की फसल पर पूरा फोकस किया था लेकिन अब उन्हें ज्यादा नुकसान होता हुआ दिख रहा हैं।

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अब तीसरी बार भी बुवाई करने का संकट

किसान भाइयों ने खरीफ फसल बुवाई की तैयारी जून के पहले सप्ताह से कर ली थी। लेकिन पूरे महीने अच्छी बारिश नहीं हुई जिसके कारण किसानों ने पानी की व्यवस्था करके बुवाई कर दी। लेकिन बारिश नहीं होने के कारण बीज खराब हो गए और इसके कारण किसानों ने दोबारा से बुवाई की। जब जुलाई में बारिश शुरू होने के बाद किसानों ने फिर से कार्य शुरू किया हैं और इसी बीच इतनी ज्यादा भारी बारिश हो गई कि खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई हैं। अब जो भी अंकुरित बीज थे वह भी सड़ने लगे हैं और अब किसानों के ऊपर तीसरी बार बुवाई करने का पूरा संकट आ गया है और किसान भाईयो का कहना है की अब हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं कि हम दोबारा से बीज खरीद सकें और किसान भाई सरकार से भी मदद मांग रहे है। लेकिन अभी तक उनको कोई मदद नहीं मिली हैं।

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