सरकार के इस आंकड़े से प्याज किसान भाइयों में बेचैनी का माहौल बना, जानें संपूर्ण जानकारी

सरकार के इस आंकड़े से प्याज किसान भाइयों में बेचैनी का माहौल बना, जानें संपूर्ण जानकारी

केंद्र सरकार ने इस वर्ष प्याज उत्पादन का एक आंकड़ा जारी दिया हैं। जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्याज की पैदावार अधिक हुई हैं और लगभग इस वर्ष 50 टन ज्यादा प्याज पैदा होने का अनुमान लगाया जा रहा हैं। किसान भाइयों ने इस आंकड़े को खारिज किया हैं। क्योंकि किसान भाइयों ने कहा हैं कि अगर डाटा को देखा जाये तो प्याज के दाम और घट जाएंगे। पहले से ही किसान भाइयों अपने प्याज को 50 पैसे, 75 पैसे से लेकर 5 रुपये किलो तक प्याज बेचने पर मजबूर हैं।

केंद्र सरकार के इस आंकड़े से देश के प्याज उत्पादक किसान भाइयों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पहले से ही प्याज के दामों में गिरावट के कारण किसान भाई इतने परेशान थे और अब यह आंकड़ा उन्हें और मुसीबत में डाल सकता है। सरकार ने वर्ष 2021-2022 के लिए बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का जो दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया हैं। उसमें प्याज का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 50 लाख 62 हजार मैट्रिक टन अधिक होने का अनुमान बताया हैं। किसान भाइयों का कहना है कि अगर सरकार प्याज पैदावार की इतनी वृद्धि की बात करेगी। तो प्याज दाम और कम हो जाएंगे और फिर मंडियों में किसान भाइयों को अब प्याज का और कम दाम मिल सकता है। इसीलिए प्याज उत्पादक किसान भाइयों ने सरकार के इस आंकड़े पर प्रश्न उठाए हैं।

इस वर्ष कितने टन प्याज का उत्पादन हुआ जानें

महाराष्ट्र में पिछले 3 महीनों से किसान भाइयों को 50 पैसे, 75 पैसे से लेकर 5 रुपये तक के भाव पर अपने प्याज को बेचने पर मजबूर हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि देश में वर्ष 2021-22 के दौरान 3,17,03,000 मैट्रिक टन प्याज पैदा होने का अनुमान बताया गया हैं। जबकि वर्ष 2020 -21 में उत्पादन केवल 2,66,41,000 मैट्रिक टन हुआ है। अगर पिछले वर्ष की तुलना में देखा जाएं। तो इस वर्ष 50 लाख 6200 मिट्रिक टन अधिक प्याज का उत्पादन हुआ हैं। तो इतना उत्पादन कैसे आईए समझिए, नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नाफेड ने सिर्फ 04 लाख मैट्रिक टन प्याज खरीदने का एलान किया था। लेकिन सिर्फ 2.5 लाख टन प्याज ही खरीदा ऐसे में इतना अधिक प्याज का उत्पादन का आंकड़ा किसान भाइयों के लिए मुसीबत बढ़ाएगा।

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प्याज के अधिक उत्पादन होने का क्या कारण है

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने प्याज के अधिक पैदावार होने के पीछे का कारण बताने की कोशिश की है। इस साल यानी 2021 -22 में 19,40,000 हेक्टेयर खेत में प्याज की खेती हुई थी। जबकि 2020-21 में 16,24,000 खेतों में प्याज की खेती हुई थी। यानी 3,16,000 हेक्टेयर क्षेत्र में ज्यादा बुवाई हुई थी इस साल। क्योंकि किसान भाइयों को उम्मीद थी कि प्याज का दाम अच्छा मिलेगा। लेकिन बुवाई और ज्यादा उत्पादन के कारण ऐसा नही हो पाया। लेकिन यह आकडां महाराष्ट्र के किसानों को बेचैनी बढ़ा दी है। क्योंकि यहां अपने देश का करीब 40 से 45 % प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र से ही होता है।

कांदा उत्पादक संगठन के अध्यक्ष जी का क्या कहना हैं

देश में प्याज का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र हैं। महाराष्ट्र में प्याज कि खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन लगातार कार्य करता है। इस संगठन के अध्यक्ष श्री भारत दिघोले जी हैं जिन्होंने केंद्र सरकार की ओर से जारी प्याज उत्पादन आंकड़े को नकार दिया हैं। श्री भारत दिघोले जी ने कहा की यह जमीनी स्तर का आंकड़े नहीं हैं। प्याज का दाम कंट्रोल करने के लिए ये सरकार की एक चाल हो सकती हैं। जिससे किसान भाइयों को भारी नुकसान होगा। उनका कहना है कि सरकार को प्याज की लागत और मुनाफा जोड़कर एक न्यूनतम रेट तय कर देना चाहिए, नहीं तो किसान भाइयों को बहुत भारी नुकसान होगा।

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आख़िर सरकार प्याज उत्पादन के आंकड़ों का अनुमान कैसे लगाती हैं

श्री भारत दिघोले जी ने कहा कि हमारा इतना बड़ा संगठन हैं। लेकिन आज तक हम नहीं पता कर पाए की प्याज का उत्पादन कितना हुआ देश में और कैसे होता है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि वह किस आधार पर प्याज उत्पादन का अनुमान लगाती हैं। उन्होंने कहा सच तो यह है कि आज तक किसी भी सरकारी एजेंसी ने किसान भाइयों से आकर नहीं पूछा होगा इस वर्ष कितना प्याज उत्पादन किया हैं। उन्होंने कहा कि क्या A.C जैसे कमरों में बैठकर सही प्याज के लिए सही आंकड़े बनाएं जाता सकते हैं। मेरे हिसाब से प्याज उत्पादन कम होना चाहिए।

प्याज उत्पादन कम क्यों हुआ, जानें कारण

महाराष्ट्र श्री भारत दिघोले जी ने कहा कि प्याज का उत्पादन करीब 30% घट गया हैं। रबी सीजन में प्याज का उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 35 टन तक होता है। लेकिन इस वर्ष 25 टन के आसपास हुआ है। इस वर्ष की सबसे बड़ी हीट वेव आई थी। इसी के कारण लगभग 20% प्याज उत्पादन घट गया हैं। दिसंबर 2021 में रबी सीजन में प्याज की रोपाई चल रही थी। तभी बिना मौसम के बारिश से भी काफ़ी नुकसान भी हुआ था। मार्च 2022 के पहले सप्ताह में भी बिना मौसम के बारिश के कारण भी नुकसान हुआ था। ऐसे में कांदा उत्पादन संगठन का मानना हैं कि इस वर्ष प्याज उत्पादन कम हुआ हैं।

तो आज हमनें बात की, सरकार ने प्याज उत्पादन आंकड़ों को लेकर एक रिपोर्ट रखीं और हमारे प्याज किसान भाई परेशान हो रहें हैं। हमनें इस पर विस्तार बात की हैं, तो आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और आप सभी किसान भाइयों को ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।

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