नमस्कार किसान भाइयों, मैं करन और आज हम बात करेंगे जनवरी में उगाई जाने वाली (Vegetable Grown in January) तीन महत्वपूर्ण फसलों (चना, पीली सरसों, राजमा) के बारे में साथ ही ये भी देखेंगे की बुआई, सिंचाई, कटाई कब और कैसे करें और साथ ही खाद्य व उर्वरक का सही प्रयोग करना भी जानेगे। अगर आपको ये पोस्ट पसंद आए तो आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करे और नीचे कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट जरूर लिखें।
चना (Gram)
चने की खेती कई तरह के मिट्टी पर की जाती है अभी तक चने की खेती के लिए अनुकूल मिट्टी चिकनी या रेतीली मिट्टी को अनुकूल मिट्टी माना गया है। पी एच मान करीबन 5.5-7 होना चाहिए। ताकि विकास अच्छा हो सके। चने की खेती करने के लिए साधारण समतल बैंडों की जरूरत होती है। बिजाई से पहले एक बार खेत की जुताई जरूर करें।
बुआई कैसे करें
पंक्तियों से पंक्तियों के बीच करीबन 30-40 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए तथा बीज से बीज की दूरी 10 सेंटीमीटर होनी चाहिए। बात करे गहराई की तो 10-12.5 सेंटीमीटर की गहराई में इसे लगाए। हमारे उत्तरी भारत में इसे पोरा ढंग से बोया जाता है। Vegetable Grown in January
करीबन 15-18 किग्रा बीज प्रति एकड़ के हिसाब से देसी किस्मों की बुआई करें। बात करे काबुली किस्मों की तो 37 किलोग्राम बीज प्रति एक में डाले।
उर्वरक व खाद्य का सही प्रयोग
सबसे पहले बात करते हैं देसी किस्मों की तो असिंचित तथा सिंचित इलाकों में फॉस्फोरस 50 किलोग्राम तथा नाइट्रोजन 13 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से डाले।
काबुली चना की किस्मों में 100 किलोग्राम फॉस्फोरस तथा 13 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ में डाले। Vegetable Grown in January
सिंचाई कैसे करें
जब हालात सिंचित हो तो बुआई से पहले पानी एक बार डाले। उसके बाद दूसरी बार पानी फूल आने से पहले डालना चाहिए। तथा फलियों के विकास के समय तीसरी बार आप पानी डाल सकते हो। जल निकासी व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए क्योंकि अधिक पानी से फसल को हानि पहुंच सकती है।
कटाई कब और कैसे करें
जब खेत में पत्ते लाल भूरे दिखने लगे, पौधा सुख जाए तथा झड़ने लगे तो इसी समय आप कटाई कर लीजिए। कटाई करने के बाद आप इसे 5-6 दिनों तक धूप में सुखा लीजिए उसके बाद आप इसे छड़ियों से पीट सकते हैं। Vegetable Grown in January
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पीली सरसों (Yellow Mustard)
सरसो की खेती से अच्छा लाभ मिल सकता है। यदि आप सब सरसों की खेती करते हो तो खेत की पहली जुताई हमेशा मिट्टी पलटने वाले हल से ही करें। खेत में पाटा देकर उसको भूरभुरी करना ना भूले। बात करें बीज की तो करीबन 4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आपका आवश्यकता पड़ेगी। Vegetable Grown in January
बुआई कैसे करें
पीली सरसों की खेती में देसी हल का ही प्रयोग करें। बुआई करते समय ध्यान दे 3-4 सेंटीमीटर की गहराई पर कतारों में इसकी बुवाई करें। एवं उसके बाद पाटा का प्रयोग कर बीज को ढक दें। उसके बाद यानी की बुवाई के 12-15 दिनों के बीच घने पौधे को निकाल कर उनके बीच 10-15 सेंटीमीटर दूरी कर दे। साथ ही एक बार निराई गुड़ाई भी कर लिजिए ताकि खरपतवार से बचाए जा सके।
उर्वरक का सही प्रयोग
सिंचित क्षेत्रों में 40 किलोग्राम फास्फेट, 80 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 40 किग्रा पोटाश प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। पोटाश व फास्फेट की पूरी मात्रा और नत्रजन की आधी मात्रा अंतिम जुताई के समय में डाले। बची हुई नत्रजन की मात्रा पहली सिंचाई टापड्रेसिंग के रूप में डाले। Vegetable Grown in January
सिंचाई कैसे करें
यदि आपको लगता है कि फूल निकलने से पहले अवस्था में जल की कमी है तो आप उसकी सिंचाई जरुर करें। हमेशा अच्छी जल निकासी व्यवस्था बनाए रखें।
कीट की समस्या का ध्यान रखे
इस फसल में कीट की समस्या देखने को मिलती है जैसे कि आरा मक्खी, चित्रि बग, हालदार सूडी़, माहूं, पत्ती सुरंगक कीट आदि इन सभी कीटों से हमेशा फसल को सुरक्षित रखे।
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राजमा (Beans)
यदि आप राजमा की खेती करना चाहते हो तो एक बात का ध्यान जरूर रखें राजमा की खेती पहाड़ी क्षेत्रों में खरीफ मे की जाती है तथा बात करें मैदानी क्षेत्रों की तो बसंत ऋतु में इसकी बुआई की जाती है। अब बात आती है तापमान की तो फसल के विकास के लिए करीबन 10-27 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान सही होता है। राजमा की खेती हल्की दोमट तथा भारी चिकनी इस तरह की मिट्टी पर की जाती है। पी एच मान 6.5-7.5 होना चाहिए। Vegetable Grown in January.
खेत में पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल के साथ करें। उसके बाद 2-3 जुताई देसी हल से करनी चाहिए। ध्यान रखें पाटा लगाकर खेत को समतल कर ले। राजमा में भी कई किसमें होती है। 2.5-3.5 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर इसे लगाना चाहिए।
बुआई कैसे करें
राजमा की खेती करते समय 30-40 सेंटीमीटर लाइन से लाइन के बीच दूरी होनी चाहिए। वही बात करें पौधे की तो लगभग 10 सेंटीमीटर की दूरी पौधे से पौधे के बीच होने चाहिए। बुआई करते समय ध्यान दें करीबन 8-10 सेंटीमीटर गहराई में इसकी बुआई करें।
उर्वरक व खाद्य की मात्रा
करीबन 10-15 टन प्रति हेक्टेयर अंतिम जुताई के समय गोबर की खाद डाले या फिर कम्पोस्ट। साथ ही 30 किलोग्राम पोटोश, 120 किलोग्राम नत्रजन तथा 60 किलोग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टेयर में डालें। बुवाई के समय पोटाश व फोस्फोरस की पूरी मात्रा तथा नत्रजन की आधी मात्रा ही डाले। उसके बाद नत्रजन की बच्ची हुई मात्रा खड़ी फसल में डाले। बुआई अच्छी करने के लिए आप गंधक, यूरिया का प्रयोग भी कर सकते हो। Vegetable Grown in January
सिंचाई कैसे करें
राजमा की खेती में अधिक जल की जरुरत होती है करीबन 25 दिनों के अंतराल में 3-4 बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। सिंचाई हमेशा हल्की करें। जल निकासी की व्यवस्था अच्छे ढंग से बनी होने चाहिए ताकि खेत में पानी ना रुके। खरपतवार तथा रोग से इसे बचाए रखें।
कटाई कब करें राजमा की फसल करीबन 120-130 दिनों में अच्छे से तैयार हो जाती है। कटाई करके आप इसे धूप में सुखाना ना भूलें सूखने पर 9-10% बीज की नमी होनी चाहिए। उसके बाद आप दानों को भुसे से अलग कर सकते हो। Vegetable Grown in January
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इस पोस्ट में हमने देखा जनवरी में उगाई जाने वाली (Vegetable Grown in January) तीन सब्जियां जिसे आप उगाकर अच्छा लाभ ले सकते हैं। आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी कमेंट में लिख कर जरूर बताएं और अगर आपका कोई भी प्रश्न हो या आपको किसी भी विषय पर पोस्ट चाहिए तो आप नीचे कमेंट में जरूर लिखें।