आप सभी को मेरा नमस्कार, आज हम विस्तार से जानेंगे मार्च महीने में उगाई जाने वाली (Vegetables Grown in March) ऐसी तीन सब्जियों (भिंडी, कद्दू और पुदीना) के बारें में इन सब्जियों को उगाकर आप अच्छा लाभ ले सकते हैं और साथ ही हम इन सब्जियों की बुआई से लेकर कटाई तक की पूरी प्रक्रिया भी जानेंगे।
भिंडी (Ladyfinger)
यदि आप भिंडी की खेती करना चाहते हो तो ध्यान दें इसकी खेती के लिए गर्म तथा नम वातावरण अच्छा माना गया है। बीज को उगाने के लिए 27-30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान सही माना गया है। भिंडी की फसल को खरीफ तथा ग्रीष्म दोनों में उगाया जाता है। पी एच मान की बात करे तो 7.0-7.8 तक पी एच मान होना चाहिए। भिंडी में भी कई तरह की किस्में आती है आप अपने क्षेत्र के अनुसार उसका चयन कर सकते हो। (Vegetables Grown in March)
बुआई कैसे करनी चाहिए
पहले भूमि की 2-3 बार जुताई कर ले ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए। उसके बाद पाटा लगाकर आप भूमि को समतल कर लीजिए। करीबन 2.5-3.0 किलोग्राम बीज सिंचित में तथा वही करीबन 5-7 किलो ग्राम बीज असिंचित क्षेत्रों में लगाने की आवश्यकता पड़ेगी।
ध्यान दें 40-45 सेंटीमीटर की दूरी कतारों के बीच होनी चाहिए। तथा करीबन 25-30 सेंटीमीटर की दूरी पौधे से पौधे के बीच होना जरूरी है। लगभग 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बीज लगाएं। पानी भरने ना दें। पानी से बचाने के लिए ऐसी क्यारियों में लगाए जो उठी हुई हो। (Vegetables Grown in March)
उर्वरक व खाद्य की मात्रा
भिंडी की खेती से अच्छा मुनाफा मिल सकता है। करीबन 15-20 टन गोबर की खाद, नत्रजन 80 किलोग्राम, पोटाश 60 किलोग्राम, स्फुर 60 किलोग्राम डालना चाहिए प्रति हेक्टेयर में। स्फुर व पोटाश की पूरी मात्रा बुआई से पहले जमीन में डाले तथा नत्रजन की मात्रा दो भागों में बांटकर 30-40 दिनों के अंतराल में डाले। बुआई के 15-20 दिन बाद निराई गुड़ाई करना आवश्यक होता है। नियमित रुप से निराई गुड़ाई करते रहे।
सिंचाई कब करें
मार्च महीने में करीबन 10-12 दिन के अंतराल पर इसकी सिंचाई करें। तथा अप्रैल में 7-8 दिन और मई में 4-5 दिन के अंतर पर सिंचाई करें। हमेशा सिंचाई आवश्यकतानुसार ही करें।
तुड़ाई कब करें
तुड़ाई किस्म की गुणवत्ता के अनुसार की जाती है भिंडी की फली करीबन 45-60 दिनों में ही तैयार हो जाती है। उसके बाद फलों की तुड़ाई शुरू हो जाती है। लगभग नियमित तुड़ाई 4-5 दिनों के अंतराल पर करते रहना चाहिए।
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कद्दू (Pumpkin)
कद्दू की खेती यदि आप करना चाहते हो तो आपको सही यानी कि उचित जल निकासी उपजाऊ जमीन की आवश्यकता पड़ेगी। जिस जमीन पर कम समय के लिए जल भराव होता हो वहां खेती अच्छी होती है। भूमि का पी एच मान 5-7 होना जरुरी है।
कद्दू की खेती के लिए प्रारंभ में करीबन 20 डिग्री के लगभग बीज अंकुरण के लिए तापमान सही माना गया है। तथा 25-30 डिग्री के आसपास तापमान होना चाहिए जब पौधे का विकास व फलों की बढ़वार का समय चल रहा हों। कद्दू की खेती आप लोग शीतोष्ण व समशीतोष्ण दोनों में कर सकते हो। (Vegetables Grown in March)
बुआई कैसे करें
प्रारंभ में मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करें। कुछ दिनों तक धूप लगने दे उसके बाद गोबर की खाद को जमीन में मिला दे। तथा पाटा लगा लें। और समतल बना लिजिए। प्रति हेक्टेयर आपको 3-4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता पड़ेगी। क्यारियों के बीच में करीबन 4-5 मीटर की दूरी हो। पहाड़ी इलाकों में मार्च-अप्रैल, दक्षिण भारत में अगस्त तथा बिना सिंचाई वाली जगहों पर जून के महीने में इसे उगाया जाता है।
उर्वरक व खाद्य कितनी डालें
प्रारंभ में जुताई करते समय करीबन 15 गाड़ी गोबर की खाद को मिट्टी में मिला दे। उसके बाद 50 किलोग्राम पोटाश, 50 किलोग्राम फास्फोरस तथा 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। इसके अलावा नाइट्रोजन की मात्रा को दो बार में खेत में डाले ताकि उपज अच्छी हो। (Vegetables Grown in March)
सिंचाई कब करनी चाहिए
जब समय फलों के विकास तथा बीज अंकुरण का हो तो आपको अधिक सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ेगी। अंकुरित होने तक आप आवश्यकतानुसार ही 3-4 दिन के हिसाब से हल्की सिंचाई करते रहे। गर्मियों के दिनों में सप्ताह में एक बार पौधे को पानी देना चाहिए।
तुड़ाई कब करनी चाहिए
कद्दू की फसल करीबन 100-110 दिन में तैयार हो जाती है उसके बाद आप तुड़ाई कर सकते हो। जो पके हुए फल है ऊपर की तरफ से सफेद पीले हो जाते हैं। जब आपको लगे फलों का आकार सही हो गया है तो उसे डंठल सहित काट लें।
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पुदीना (Mint)
पुदीने की खेती की तरह की मिट्टी में की जाती है। इसकी खेती आप जल जमाव मृदा में भी कर सकते हो। लेकिन इसके अच्छे परिणाम आपको उच्च नमी वाली मृदा में देखने को मिलेंगे। बात करे पी एच मान की तो 6-7.5 के आसपास पी एच मान होना चाहिए। इसकी खेती से अच्छा लाभ मिलता है।
बुआई कब और कैसे करें
पुदीने की खेती के लिए बैड तैयार कर लीजिए। खेती की सही ढंग से जुताई करें। पौधे से पौधे के बीच 40 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए तथा 60 सेंटीमीटर की दूरी पंक्तियों से पंक्तियों के बीच होनी चाहिए। बीज की बुआई हमेशा करीबन 2-3 सेंटीमीटर की गहराई में करें। (Vegetables Grown in March)
उर्वरक व खाद्य की मात्रा
खेत तैयार करते वक्त करीबन 80-120 क्विंटल प्रति एकड़ में खाद्य को डालिए। फॉस्फोरस 32-40 किलोग्राम, पोटाशियम 20 किलोग्राम, तथा 80 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ में मिला दीजिए।
सिंचाई कब करनी चाहिए
यदि सर्दियों का समय है तो आपको बता दे कि सर्दियों में अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती। अगर सर्दी के मौसम में बारिश ना हो रही हो तो आप आवश्यकतानुसार एक सिंचाई जरुर करें। बात करे गर्मी की तो गर्मी में आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे। मानसून के बाद 3 सिंचाई करने की जरूरत होती है। (Vegetables Grown in March)
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फसल कब काटे
जब आपको लगे कि निचले पत्ते पीले रंग के हो गए हैं तो आप कटाई शुरू कर सकते हो। यह फसल 100-120 दिनों में कटने लायक हो जाती है। दूसरी कटाई आप पहली कटाई के 80 दिनों के अंतराल में करें।
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आज हमने देखा मार्च महीने में आप इन सब्जियों उगाकर (Vegetables Grown in March) अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं। आप लोगो को ये पोस्ट (लेख) कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताएं अधिक से अधिक शेयर जरूर करें।