अप्रैल मे उगाई जाने वाली सब्जिया vegetables to grow in april in india

अप्रैल मे उगाई जाने वाली सब्जिया vegetables to grow in april in india

आज जानेंगे अप्रैल महीनें में कौन सी सब्जियां उगाए (vegetables to grow in april in india) और अच्छा लाभ कमाएं। अब हम बात करेंगे मक्का, टिंडा और ग्वार फली इन तीनों फसलों को उगाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बुआई से लेकर कटाई आपको कैसे करनी हैं और कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी हैं इस पोस्ट (लेख) को पढ़ने के बाद आप अपने विचार नीचे कमेंट में ज़रूर लिखें।

मक्का (Corn)

अप्रैल मे उगाई जाने वाली सब्जिया vegetables to grow in april in india

मक्के की खेती उस भूमि पर सही होती है जहां जल निकास व्यवस्था अच्छी हो। मक्के की खेती के लिए आर्द्र व उष्ण जलवायु को अच्छा माना गया है। जिस क्षेत्र में सिंचाई के अच्छे साधन है उधर मक्के को रबी व खरीफ की अगेती फसलों के तौर पर भी उगाया जाता है।

बुआई कब करनी चाहिए

बारिश शुरु होने पर मक्के को बो देना चाहिए। यदि आपके पास सिंचाई का साधन है तो आप 15 दिन पहले भी बुआई कर सकते हो। हमेशा मेड़ के किनारों तथा ऊपर 3-5 सेंटीमीटर गहराई पर बीज को बोये। (vegetables to grow in april in india)

आपको खेत में करीबन 55-80 हजार पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर में रखनी चाहिए। संकर जातियों के लिए 12-15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है।  हरे चारे के लिए 40-45 किलोग्राम तथा कम्पोजिट जातियों के लिए 15-20 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है।

उर्वरक व खाद्य की सही मात्रा

खेत की तैयारी के वक्त 5-8 टन सड़ी गोबर की खाद को मिला दे। शीघ्र पकने वाली फसल में 80 किलोग्राम नाइट्रोजन 30 किलोग्राम को पोटाश तथा 50 किलोग्राम फास्फोरस डाले। देर से पकने वाली फसल में 50 किलोग्राम पोटाश 75, किलोग्राम फॉस्फोरस, 120 किलोग्राम नाइट्रोजन डाले।

बुआई करते समय आप पोटाश व फास्फोरस की पूरी मात्रा खेत में मिला दे। जहां पौधे की जड़े हो वही डाले। बुआई के करीबन 15-20 दिन बाद निराई गुड़ाई करनी चाहिए। नत्रजन की 1/3 मात्रा बुआई के वक्त डाले। एक महीने बाद फिर 1/3 डाले उसके बाद नरपुष्प आने से पहले 1/3 नत्रजन डाल दे। (vegetables to grow in april in india)

सिंचाई करने का समय

मक्के की खेती में करीबन 400-600 mm पानी की जरूरत पड़ती है खेत में जल निकासी का भी ध्यान रखें। खेत की स्थिति को देखते हुए आप आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे। फसल को हमेशा रोग, कीट आदि से बचाए रखें

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कटाई का सही तरीका

संकुल किस्मों को आप बुआई के 90-115 दिनों के बाद कटाई करें। देसी किस्म को 75-85 दिन तथा चारे वाली फसल को आप 60-65 दिन के बाद काट सकते हो। एक बात का ध्यान रखें करीबन 25 प्रतिशत तक नमी दाने में हो जब आप कटाई करें। (vegetables to grow in april in india)

टिंडा (Apple Gourd)

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टिंडे की खेती आप कई तरह की मिट्टी में कर सकते हो। लेकिन इसकी खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी को उचित माना जाता है। टिंडे की खेती के लिए जमीन का पी. एच. मान करीब 6.0-7.0 होना चाहिए। सबसे पहले जुताई आप लोग मिट्टी पलटने वाले हल से करें तथा उसके बाद देसी हल से खेत की 3 बार जुताई करें। टिंडे की खेती के लिए करीबन 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान सही माना गया है। टिंडे की खेती भारत में गर्मियों तथा बरसात के मौसम में होती है।

बुआई करते का सही तरीका

आपको करीबन 5-7 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी प्रति हेक्टेयर के हिसाब से। सबसे पहले आपको नालियां बना लेनी है। खेत तैयार करते वक्त 1.5-2.0 मीटर दूर 30-40 सेंटीमीटर चौड़ी तथा 15-20 सेंटीमीटर गहराई से नालियां बना लीजिए। नालियां बनाने के बाद किनारों पर 30-45 सेंटीमीटर दूरी पर आप 2 सेंटीमीटर गहराई पर  बीज को बोये। जब आपको लगे अंकुर निकल रहे हैं तो आप छटाई कर सकते हो। (vegetables to grow in april in india)

उर्वरक व खाद की मात्रा

टिंडे की खेती में आपको 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद, 40 किलोग्राम पोटाश,  40 किलोग्राम फास्फोरस 80 किलोग्राम नटराजन प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डाले। फास्फोरस, पोटाश व  गोबर की खाद एवं नत्रजन की 1/3 मात्रा आप अंतिम जुताई के समय डाले। बची हुई 2/3 नत्रजन को आप दो भागों में बांट लीजिए तथा टापड्रेसिंग के रूप में पहली बुआई के 25-30 दिन बाद डाले और 40-45 दिन बाद जब फूल आने का समय हो तब डाले।

सिंचाई व्यवस्था

बात करे ग्रीष्मकाल की तो हमें करीबन 4-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। तथा वर्षाकाल के वक्त आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। वर्षा काल के समय पानी भरने ना दे नहीं तो फसल को नुकसान हो सकता है। (vegetables to grow in april in india)

तुड़ाई करने का समय

शुरुआत में जो फल लगे उसे तोड़ देना चाहिए नहीं तो दूसरे फल आने में देर हो जाती है दूसरी बार जो फल आए उसे बढ़ने दें कटाई करने के लिए आप किसी धार वाले चाकू का प्रयोग करें। धार वाले चक्कू से आप फलों को डंठल सहित काट लिजिए। 45-50 दिनों के बाद ही तुड़ाई शुरू हो जाती है।

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ग्वार फली (Guar Bean)

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जिस क्षेत्र में बारिश कम होती है और सिंचाई की व्यवस्था अच्छी है तो ग्वार फली का अच्छा उत्पादन हो सकता है। यह फसल गर्म वातावरण में उगती है। हर तरह की जमीन पर इसकी खेती की जा सकती है जमीन का पी एच मान 7.5-8.0 तक होना चाहिए। इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी गई हैं। (vegetables to grow in april in india)

बुआई करने का सही तरीका

यदि आप ग्वार फली की खेती पंक्तियों में करना चाहते हो तो आपको करीबन 14-16 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी। तथा छिड़काव विधि से आपको 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टर के हिसाब से बीज की जरूरत पड़ेगी। अच्छी पैदावार के लिए पंक्तियों में बुवाई करें।

हल के पीछे कुण्डो में बीज बोया जाता है। पंक्तियों के बीच 30 सेंटीमीटर की दूरी रखें। तथा पौधों से पंक्तियों में 15 सेंटीमीटर आपसी अंतर रखिए। बीजों को उपचारित जरूर करें। ताकि बढ़वार सही हो बीज की मात्रा मौसम पर भी निर्भर करती है। (vegetables to grow in april in india)

उर्वरक व खाद्य की सही मात्रा

आपको ग्वार फली की खेती के लिए 200-250 क्विंटल गोबर की खाद की जरूरत पड़ेगी। उसके बाद 40-50 किलोग्राम फास्फोरस, 25-30 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम सल्फर, 5 किलोग्राम जिंक की आवश्यकता भी पड़ेगी। उर्वरकों को अंतिम तैयारी के वक्त डाले तथा खाद को अंतिम जुताई से पहले डालना चाहिए।

सिंचाई करने की व्यवस्था

फलिया बनते वक्त तथा फूल बनते वक्त ध्यान दें खेत में नमी बनी रहे नमी की कमी ना हो। यदि बारिश अच्छी हो रही है तो सिंचाई की इतनी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। लेकिन शुष्क क्षेत्रों में बारिश 15-20 दिन तक ना हो रही हो तो 1-2 बार सिंचाई कर देनी चाहिए। ग्रीष्म काल में 7-10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए फव्वारा विधि को काफी अच्छा माना गया है। (vegetables to grow in april in india)

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तुड़ाई करने का वक्त

बुआई के 55-80 दिन के बाद ये फसल तैयार हो जाती है। जब फलियां अच्छी तरह से मुलायम अवस्था में हो जाए तो आप तुड़ाई शुरू कर सकते हो। हरी, कच्ची फलियों की तुड़ाई 4-5 दिन के अंतराल में करें।

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आज हमने देखा की अप्रैल महीनें में इन तीन सब्जियों (Vegetables to Grow in April in India) मक्का, टिंडा और ग्वार फली को उगाकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं और आप मंडी भाव अपडेट फेसबुक पेज को भी लाइक जरूर करें आपको पोस्ट (लेख) कैसी लगी आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

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