Bane wheat export News। Is India ban wheat export। Why has India banned wheat exports। Wheat export News in Hindi
किसान भाइयों भारत सरकार ने गेहूं निर्यात (Bane Wheat ) पर प्रतिबंध लगा दिया है शुक्रवार 13 मार्च 2022 को रात में एक अधिसूचना जारी किया गया जिसके तहत यह जानकारी दी गई सरकार ने कहां की स्थानी कीमतों की बढोत्तरी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है भारत चीन के बाद दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है भारत सरकार ने गेहूँ निर्यात (Bane Wheat ) को क्यो रोका क्या करने वाली है सरकार इस लेख में हम पूरा जानकारी देंगे कि तो आप पूरा जरूर पढ़ें।
सरकार ने गेहूं का निर्यात (Wheat Export) क्यों रोका
भारत सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पत्र में कहा गया है कि इसके कई कारण है जैसे- हमारे पड़ोसी देश जो कि कमजोर देश हैं उनकी जरूरतों को समझने और उनके ऊपर कोई प्रभाव न पड़े, और हमारे यहा स्थानीय कीमते की बढत के कारण तत्काल निर्णय लेना पड़ा इसीलिए केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात (Bane Wheat ) पर प्रतिबंध लगा दिया भारत कई देशों में खाद्य पदार्थों की जरूरतों को पूरा करने लिए प्रतिबद्ध है।
रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण गेहूं के निर्यात (Wheat Export) में क्या प्रभाव पड़ा
हम सभी किसान भाई जानते हैं कि रूस और यूक्रेन में काफी दिन से युध्द चल रहा है जिसकी वजह से पूरा अंतरराष्ट्रीय मार्केट एक प्रकार से हिला हुआ है भारत सरकार का कहना है कि करीब 40% तक तेजी आई है अंतरराष्ट्रीय मार्केट में इस युद्ध की वजह से गेहूं की कीमतों में इसीलिए भारत से गेहूं का निर्यात (Bane Wheat ) जो है वह काफी ज्यादा बढ़ गया है और जिसके कारण स्थानीय लोगों पर पर गेहूं और आटे की कीमतो में बहुत तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है इसीलिए हमें ऐसा निर्णय लेना पड़ा।
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गेहूं के आटे का क्या कीमत है
सरकार का कहना है कि देश में काफी दिन से खाने वाली सामानो के दामों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है पिछले वर्ष के मुकाबले आटे की कीमत में करीब 13% से 14% फ़ीसदी तक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है अगर देखा जाए तो सोमवार (8 मई 2022) को आटे का अधिकतम कीमत जो है वह 59 रुपये और न्यूनतम कीमत 22 रुपये प्रति किलो रहा और जो एक प्रकार से मानक कीमत होता है वह 28 रुपये प्रति किलो था वही अगर पीछले साल कि बात कि जाय तो 8 मई 2021 को अधिकतम कीमत 52 रुपये प्रति किलो और न्यूनतम कीमत 21 रुपये प्रति किलो और मानक कीमत 24 रुपये प्रति किलो था।
भारत सरकार की अधिसूचना में क्या है
भारत सरकार ने स्थानीय कीमतों की वृद्धि के कारण गेहूं का निर्यात (Wheat Export) पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन सरकार ने यह अभी कहा है की केवल निर्यात शिपमेंट की अनुमति होगी, इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा है कि अगर कोई भी देश हम से अनुरोध करता है तो उस देश को निर्यात की अनुमति देगी सरकार ऐसा विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा यह अधिसूचना में कहा गया है।
सरकार ने ऐसा क्यों किया
11 अप्रैल को टू प्लस टू मंत्री बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जो बिडेन से कहा कि विश्व व्यापार संगठन में अगर भारत को निर्यात करने की अनुमति मिलती है तो वह अगले दिन ही निर्यात करना शुरू कर दें लेकिन अब निर्यात (Wheat Export) को रोक दिया क्यो?
11 अप्रैल और 13 मई क्या हुआ जिसके कारण गेहूं के निर्यात(Wheat Export) पर प्रतिबंध लगा दिया
प्रतिबंध लगाने के कई कारण हो सकते हैं इसका केवल अनुमान लगाया जा सकता है अनुमान है कि 111 मिलियन टन से कम है गेहूं का उत्पादन , गेहूँ की खरीद जून के अंत तक लगभग 20 से 25 टन होने की संभावना है जो पिछले साल 43 मिलियन टन से भी ज्यादा थी एक कारण यह हो सकता है कि अप्रैल 2022 में गेहूं की जो मुद्रास्फीति 5.96% थी जो कि अनाज मुद्रास्फीति के मुकाबले 9.59% है इस निर्णय से भारत को पूरे विश्व में अविश्वसनीयता को दर्शाता है।
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भारत मे गेहूं निर्यात (Wheat Export) के प्रतिबंध मे कुछ महत्वपुर्ण बातें
क्या सरकार किसानों का आय नहीं बढ़ाना चाहती है? किसानों को गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10% अधिक मूल्य मिल रहा है? तो सरकार उन्हें क्यो बेहतर समय का लाभ नहीं दे रही है? ऐसा क्यों है यह तो केवल सरकार ही बता सकती है यह भी कहा जा रहा है कि सरकार ने अभी तक 80 करोड़ से अधिक लोगों को NFSA और PMGKAY के तहत लगभग मुफ्त भोजन चावल और गेहूं दिया है, क्या सरकार किसानों की कीमत पर शहर के मध्यवर्ग के लोगो को बचाने की कोशिश कर रही है? या किसानों को गरीब रखना चाहती? यह तो केवल सरकार बता सकती है।
गेहूं का उत्पादन और खरीद कम होने पर सरकार को क्या करना चाहिए
पहला -सरकार क्या कर सकती है जो वह MSP देती है उसके ऊपर लगभग 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे सकती है जिससे जिस किसान के पास गेहूं का स्टॉक है वह इस बोनस की घोषणा पर खुश होकर वह दे सकता है।
दूसरा– कि सरकार की PMGKAY के तहत सितंबर तक 2022 तक मुफ्त भोजन की घोषणा क्यों? की यदि वह सहायता प्रदान करना चाहती है तो वह नगद दे सकती थी ताकि लोगो को कोई भी भोजन साम्रगी खरीद सके जैसे- अंडे और दूध, दाल या पौष्टिक आहार जो भी है और सरकार को PMGKAY के तहत गेहूँ के बदले मे चावल दे सकते है।
तीसरा– अगर सरकार को लगता है कि गेहूँ की स्थिति सही नही है तो वह एक न्यूनतम मूल्य लगाकर निर्यात को मानक कर सकती है सरकार की यह नीति खराब हो सकती है जो सरकार ने तुरन्त निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।
तो किसान भाईयो आज हमने जाना भारत सरकार ने गेहूँ निर्यात (Wheat Export) को क्यो रोका आपको ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो पोस्ट को शेयर जरूर करें और कोई प्रश्न हो तो कमेंट बांक्स करके हमे जरूर बताएं आपको ये पोस्ट कैसी लगी अपने विचार हमारे साथ जरूर साझा करें। धन्यवाद
FAQ
प्रश्न- कौन सा देश भारत से गेहूं का निर्यात करता है?
उत्तर – बांग्लादेश, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया आदि।
प्रश्न- गेहूँ का सबसे बड़ा निर्यातक कौन है?
उत्तर – रुस
प्रश्न- भारत गेहूं का कितना निर्यात करता है? ?
उत्तर – 70 lakh tonnes in 2021-22 ।
प्रश्न-क्या भारत से गेहूं के निर्यात की अनुमति है?
उत्तर – इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरफेस (ईडीआई) सक्षम बंदरगाहों के माध्यम से निजी तौर पर रखे गए स्टॉक में से निजी पार्टियों को गेहूं के मुफ्त निर्यात की अनुमति दी गई है।
प्रश्न- आप गेहूं का निर्यात कैसे कर सकते हैं?
उत्तर –
- APEDA पंजीकरण। निर्यातक के लिए APEDA लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक है।
- आयात निर्यात कोड।
- बैंक खाता ।
- जीएसटी पंजीकरण।
- ईएसआई पंजीकरण।
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