भारत के राज्य मध्य प्रदेश में इस वर्ष गेहूं का उत्पादन बहुत ही अच्छा हुआ और क्वालिटी भी बहुत ही अच्छी थी। इसके कारण मध्य प्रदेश इस वर्ष गेहूं निर्यात करने में पहले स्थान पर रहा। इस वर्ष अप्रैल 2022 में मध्य प्रदेश के द्वारा विदेशों में गेहूं का रिकॉर्डतोड़ निर्यात हुआ।
सरकार के द्वारा गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने से किसान भाइयों को बहुत ही लाभ हुआ हैं और उनकी फसल का अच्छा भाव भी मिल रहा हैं। अगर पूरे देश की बात की जाएं। तो दूसरे स्थान पर गुजरात रहा गेहूं निर्यात में जिसने लगभग 04 लाख 07 हज़ार 612 टन गेहूं का निर्यात किया। वहीं मध्यप्रदेश गेहूं निर्यात के मामले में पहले स्थान पर रहा। आईए जानते हैं कि मध्यप्रदेश से गेहूं का रिकॉर्डतोड़ निर्यात किया गया हैं।
आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा निर्यात को बढ़ावा देने के कारण ही किसान भाइयों को काफी लाभ मिल रहा हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा मिलकर यह कार्य संभव हो पाया हैं।
मध्यप्रदेश ने गेहूं का निर्यात करके तोड़ा रिकॉर्ड
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां बनाई थी जिसके बाद यह परिणाम सामने आया हैं। देश में अप्रैल 2022 में कुल 14 लाख 72 हजार 423 टन गेहूं का रिकॉर्डतोड़ निर्यात किया गया। मध्य प्रदेश के द्वारा सबसे ज्यादा 05 लाख 86 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात करके रिकॉर्ड बनाया है।
अगर पिछले वर्ष की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में केवल कुल 02 लाख 08 हज़ार टन गेहुँ का ही निर्यात किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने मध्यप्रदेश में गेहूं की रिकार्डतोड़ निर्यात के लिए कई कार्य योजना बनाकर काम किया था।
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मध्यप्रदेश से गेहूं का रिकॉर्डतोड़ निर्यात होने का मुख्य कारण जानें
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने केंद्रीय मंत्री वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जी के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने गेहूं के निर्यात को लेकर बात की और क्या-क्या ज़रूरतें हैं। यह समझाया था इसके साथ उन्होंने कुछ बड़े कदम उठाए। जैसे कि मध्य प्रदेश के किसान भाइयों से गेहूं खरीद कर निर्यात करने का जो प्रति 100 रुपए पर लगने वाले डेढ़ रुपए के मंडी शुल्क को उन्होंने पूरी तरह से मुफ़्त कर दिया था। साथ ही उन्होंने बंदरगाह और रेलवे स्टेशन के पास गेहूं के भंडारण के लिए पूरी व्यवस्था कराई थी। जिसमे केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग रहा।
अभी तक किस राज्य से गेहूं का कितना निर्यात हुआ?
मध्यप्रदेश में कृषि विभाग और मंडी बोर्ड के अध्यक्ष जी ने लगातार किसान भाइयों से बात करके उनकी जो भी ज़रूरतें हैं, उनको पूरा किया गया और किसान भाइयों के लिए पंजीकरण भी बनाया था। जिसमें काफ़ी कम फीस रखी गई थी। जिससे किसान भाइयों को काफ़ी फ़ायदा हुआ।
व्यापारी भाईयों ने किसान भाइयों से 23 लाख 97 हज़ार 823 टन गेहूं खरीदा और मार्च 2022 में लगभग 31 हज़ार टन गेहूं का निर्यात हुआ। केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल आफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टेटिस्टिक्स के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया हैं। कि अप्रैल 2022 में मध्य प्रदेश से 5 लाख 86 हजार 423 टन गेहूं का निर्यात किया गया।
अगर वहीं मई 2022 की बात किया जाए तो 01 लाख टन से भी ज़्यादा गेहूं का निर्यात हो चुका हैं और केंद्र सरकार ने जो गेहूं के निर्यात की जो व्यवस्था बनाई हैं। उसमें लगभग 8 टन से 9 टन और गेहूं के निर्यात होने की संभावना हैं। वहीं अन्य राज्यों की बात की जाएं। तो अप्रैल 2022 में पश्चिम बंगाल से 85 हजार 246 टन गेहूं, उत्तर प्रदेश से 1 लाख 57 हज़ार 174 टन गेहूं, महाराष्ट्र से 57 हजार 71 टन गेहूं निर्यात किया गया हैं।
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इन देशों में गेहूं के रिकॉर्डतोड़ निर्यात से किसान भाइयों को अच्छा लाभ मिला
राज्य सरकार के द्वारा किए गए प्रयासों के कारण किसान भाइयों को गेहूं का एक सही मूल्य के साथ एक अपनी पहचान भी मिलीं। इस बार मंडियों में गेहूं का जो भाव था। वह काफ़ी समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक रहा हैं। जिसके कारण इसका फ़ायदा हमारे किसान भाईयो को मिला। वहीं मंडी बोर्ड के अध्यक्ष विकास नरवाल जी ने कहा कि हम प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात करते रहते थे और उन्होंने यह भी बताया कि हमारे यहां से लगभग 30 अधिकारियों की टीम जो अलग-अलग राज्यों में तैनात की गई थी। जिससे निर्यात में कहीं भी कोई परेशानी ना हो, मध्यप्रदेश से गेहूं बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, जैसे आदि देशों में भेजा गया। यानी मध्यप्रदेश से इन देशों में गेहूं का निर्यात किया गया।
आख़िर पूरे देश और विदेशों में मालवा क्षेत्र का गेहूं क्यों प्रसिद्ध हैं?
मालवा क्षेत्र का गेहूं पूरे देश में ही नहीं पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं क्योंकि मालवा क्षेत्र के गेहूं में एक ख़ास चमक होती हैं और मालवा क्षेत्र के गेहूं में मिठास के साथ-साथ प्रोटीन की मात्रा भी बहुत ही अधिक पाई जाती हैं। जिसके कारण श्रीलंका, दुबई, अरब देशों से लेकर अमेरिका और कई देशों में से निर्यात किया जाता हैं। गुजरात के कांडला बंदरगाह से करोड़ों रुपए का निर्यात केवल गेहूँ से ही होता हैं।
तो किसान भाईयों आज हमनें बात की, मध्यप्रदेश से गेहूं का रिकॉर्डतोड़ निर्यात हुआ। इस ज़बरदस्त निर्यात से विदेशों में अलग ही पहचान मिली हैं और हमारे किसान भाइयों को अच्छा लाभ भी मिला। इस ख़बर पर हमनें विस्तार से चर्चा की। आप सभी किसान भाइयों को ये लेख अच्छा लगा हों। तो इस लेख को शेयर ज़रूर करें और कोई भी प्रश्न हो तो नीचे कमेंट बाॅक्स में अवश्य पूछें। आपको ये लेख कैसा लगा। अपने विचार हमारे साथ ज़रूर साझा करें, धन्यवाद।
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